नई दिल्ली: कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए देश की तैयारी पूरी हो चुकी है. देशभर में शनिवार 16 जनवरी से कोरोना की वैक्सीन लगाने की शुरुआत होगी. पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दिए जाने के साथ शनिवार को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिन में साढ़े दस बजे देश में पहले चरण के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे. पूरे देश में एक साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं.
राजस्थान में जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य सुधीर भंडारी को सबसे पहले टीके की खुराक दी जाएगी जबकि मध्यप्रदेश में एक अस्पताल के सुरक्षा गार्ड और एक सहायक समेत अन्य लोग सबसे पहले टीका लेने वालों में शामिल होंगे. COVID-19 वैक्सीनेशन को लेकर क्या आपके मन में भी ये 5 डर, पढ़िए और अभी दूर करिए.
पीएम मोदी ने कहा है कि देश कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शनिवार को निर्णायक चरण में प्रवेश करेगा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कल 16 जनवरी को देश स्तर पर कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत होगी. कल सुबह साढ़े 10 बजे अभियान आरंभ होगा. ’’
पीएम मोदी का ट्वीट:
Tomorrow, 16th January, India begins the pan-India rollout of COVID-19 Vaccination drive.
The launch will take place at 10:30 AM tomorrow morning. https://t.co/zopwtXPmZO
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2021
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम होगा जिसमें समूचे देश को शामिल किया जाएगा और जन भागीदारी के सिद्धांतों पर इसकी शुरुआत के लिए सारी तैयारियां हो चुकी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की तैयारियों की समीक्षा की और स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्माण भवन परिसर में बनाए गए विशेष कोविड-19 नियंत्रण कक्ष का जायजा लिया.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चरणबद्ध तरीके से प्राथमिकता समूह के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी. आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) कर्मियों समेत सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को इस चरण में टीके दिए जाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा. उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक द्वारा विकसित ‘कोवैक्सीन’, दोनों टीकों को सुरक्षा के मानकों पर सुरक्षित और असरदार पाया गया है तथा महामारी को रोकने में यह सबसे महत्वपूर्ण औजार है.
‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ की 1.65 करोड़ खुराकों में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को डाटाबेस में उपलब्ध स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या के हिसाब से टीकों का आवंटन कर दिया गया है. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 10 प्रतिशत खुराकों को सुरक्षित रखने और एक दिन में एक सत्र में 100 लोगों के टीकाकरण के लिए कहा गया है.
कोविड-19 महामारी, टीकाकरण की शुरुआत और कोविन सॉफ्टवेयर के संबंध सवालों के जवाब के लिए एक कॉल सेंटर-1075 भी बनाया गया है.
सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी. बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा.
स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी. सारे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने टीकाकरण के लिए तैयारियां पूरी कर ली है.
दिल्ली में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में एलएनजेपी अस्पताल में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक सफाई कर्मचारी को कोविड-19 का टीका दिया जाएगा. राष्ट्रीय राजधानी में 81 केंद्रों पर कोविड-19 का टीकाकरण अभियान शुरू होगा.
अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के अहमदाबाद और गांधीनगर के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों समेत कुछ अन्य लोगों को टीके की पहली खुराक दी जाएगी और अभियान के दौरान 16,000 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे.
असम में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बताया कि 1.9 लाख स्वास्थ्यकर्मियों में से 6500 को पहले दिन टीका लगाया जाएगा.
(इनपुट भाषा)