Budget 2019: पिछले बजट में मोदी सरकार ने लोगों को दिए थे ये तोहफे, इस बार भी लगेगी घोषणाओं की झड़ी ?

आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सबकी नजर एक फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हुई है. सरकार जहां चुनाव पूर्व अंतिम बजट में महज अनुदान मांगे स्वीकृत कराने के बदले ताबड़तोड़ अहम घोषणाओं की तैयारी में जुटी है.

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Budget 2019: पिछले बजट में मोदी सरकार ने लोगों को दिए थे ये तोहफे, इस बार भी लगेगी घोषणाओं की झड़ी ?

आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सबकी नजर एक फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हुई है. सरकार जहां चुनाव पूर्व अंतिम बजट में महज अनुदान मांगे स्वीकृत कराने के बदले ताबड़तोड़ अहम घोषणाओं की तैयारी में जुटी है.

देश Dinesh Dubey|
Budget 2019: पिछले बजट में मोदी सरकार ने लोगों को दिए थे ये तोहफे, इस बार भी लगेगी घोषणाओं की झड़ी ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किसान (Photo Credits: Twitter)

Budget 2019: राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है. आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सबकी नजर एक फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हुई है. सरकार जहां चुनाव पूर्व अंतिम बजट में महज अनुदान मांगे स्वीकृत कराने के बदले ताबड़तोड़ अहम घोषणाओं की तैयारी में जुटी है. वहीं विपक्ष सरकार को पुरानी परंपराओं का हवाला देते हुए महज अंतरिम बजट ही पेश करने की दुहाई दे रही है.

यह मोदी सरकार का छठा और आखिरी बजट होगा. इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि अबकी बार का बजट मिडिल क्लास और किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आने वाली हैं. हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली इलाज के लिए अमेरिका में हैं, इसलिए वित्‍त मंत्रालय का अतिरिक्‍त प्रभार पीयूष गोयल को सौपा गया है. इससे पहले आईये जानते है पिछले साल के बजट में मोदी सरकार ने कॉमन मैन को कौने-कौन सी सौगात दी-

बजट 2018-19 की मुख्य घोषणाएं-

  • पिछले साल के बजट में कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, एमएसएमई और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों को मजबूत करने पर ज्यादा फोकस किया गया था.
  • सरकार ने कहा, अनेक ढांचागत सुधारों की बदौलत भारत भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओँ में शुभार हो जाएगा.
  • 86 प्रतिशत छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए 22,000 ग्रामीण हाटों को ग्रामीण कृषि बाजारों के रूप में विकसित करने का ऐलान किया.
  • किसानों एवं उपभोक्ताओं के हित में आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ लांच किया गया.
  • मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नए कोष की घोषणा की.
  • महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाली ऋण राशि को पिछले साल के 42,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपये किया गया.
  • निम्न एवं मध्यम वर्ग को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, बिजली और शौचालय सुलभ कराने हेतु उज्ज्वला, सौभाग्य और स्वच्छ मिशन के लिए अधिक लक्ष्य तय किया गया.
  • द्वितीयक एवं तृतीयक इलाज के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की सीमा के साथ दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की गई है, जिसके दायरे में 10 करोड़ से भी अधिक गरीब एवं कमजोर परिवारों को लाया जाएगा.
  • बुनियादी ढांचागत क्षेत्र के लिए 5.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन.

यह भी पढ़े- Budget 2019: मिडल क्लास और किसानों को बड़ी सौगात देगा अबकी बार का बजट?

  • 10 प्रमुख स्थलों को प्रतीक पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित करने का ऐलान.
  • विनिवेश 72,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर 1,00,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचा.
  • बैंकों और डाकघरों में जमाराशियों पर ब्याज आमदनी संबंधी छूट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का ऐलान किया.
  • स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और / अथवा चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई.
  • कुछ विशेष गंभीर बीमारियों पर चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 60,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) और 80,000 रुपये (अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये की गई.
  • हरियाणा विधानसभा चुनाव
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आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सबकी नजर एक फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हुई है. सरकार जहां चुनाव पूर्व अंतिम बजट में महज अनुदान मांगे स्वीकृत कराने के बदले ताबड़तोड़ अहम घोषणाओं की तैयारी में जुटी है.

देश Dinesh Dubey|
Budget 2019: पिछले बजट में मोदी सरकार ने लोगों को दिए थे ये तोहफे, इस बार भी लगेगी घोषणाओं की झड़ी ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किसान (Photo Credits: Twitter)

Budget 2019: राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है. आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सबकी नजर एक फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हुई है. सरकार जहां चुनाव पूर्व अंतिम बजट में महज अनुदान मांगे स्वीकृत कराने के बदले ताबड़तोड़ अहम घोषणाओं की तैयारी में जुटी है. वहीं विपक्ष सरकार को पुरानी परंपराओं का हवाला देते हुए महज अंतरिम बजट ही पेश करने की दुहाई दे रही है.

यह मोदी सरकार का छठा और आखिरी बजट होगा. इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि अबकी बार का बजट मिडिल क्लास और किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आने वाली हैं. हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली इलाज के लिए अमेरिका में हैं, इसलिए वित्‍त मंत्रालय का अतिरिक्‍त प्रभार पीयूष गोयल को सौपा गया है. इससे पहले आईये जानते है पिछले साल के बजट में मोदी सरकार ने कॉमन मैन को कौने-कौन सी सौगात दी-

बजट 2018-19 की मुख्य घोषणाएं-

  • पिछले साल के बजट में कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, एमएसएमई और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों को मजबूत करने पर ज्यादा फोकस किया गया था.
  • सरकार ने कहा, अनेक ढांचागत सुधारों की बदौलत भारत भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओँ में शुभार हो जाएगा.
  • 86 प्रतिशत छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए 22,000 ग्रामीण हाटों को ग्रामीण कृषि बाजारों के रूप में विकसित करने का ऐलान किया.
  • किसानों एवं उपभोक्ताओं के हित में आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ लांच किया गया.
  • मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नए कोष की घोषणा की.
  • महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाली ऋण राशि को पिछले साल के 42,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपये किया गया.
  • निम्न एवं मध्यम वर्ग को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, बिजली और शौचालय सुलभ कराने हेतु उज्ज्वला, सौभाग्य और स्वच्छ मिशन के लिए अधिक लक्ष्य तय किया गया.
  • द्वितीयक एवं तृतीयक इलाज के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की सीमा के साथ दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की गई है, जिसके दायरे में 10 करोड़ से भी अधिक गरीब एवं कमजोर परिवारों को लाया जाएगा.
  • बुनियादी ढांचागत क्षेत्र के लिए 5.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन.

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  • 10 प्रमुख स्थलों को प्रतीक पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित करने का ऐलान.
  • विनिवेश 72,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर 1,00,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचा.
  • बैंकों और डाकघरों में जमाराशियों पर ब्याज आमदनी संबंधी छूट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का ऐलान किया.
  • स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और / अथवा चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई.
  • कुछ विशेष गंभीर बीमारियों पर चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 60,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) और 80,000 रुपये (अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये की गई.
  • प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2020 तक बढ़ाने का ऐलान.
  • रोजगार बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहनों के कलपुर्जों, फुटवियर और फर्नीचर में ‘मेक इन इंडिया’ तथा घरेलू मूल्य वर्द्धन को भी प्रोत्साहित करने के लिए सीमा शुल्क में फेरबदल करने का ऐलान किया.

यह भी पढ़े- Budget 2019: बजट में अगर PM मोदी ने कर दिए ये 3 वादे, तो कांग्रेस का हो जाएगा लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ 

मोदी सरकार ने साल 2014 में सत्ता संभालने के बाद पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं. वित्त वर्ष 2019-2020 इस साल एक अप्रैल से आरंभ होगा और इस सरकार का कार्यकाल मई 2019 में खत्म हो रहा है. आमतौर पर चुनाव से पहले अंतरिम बजट ही पेश होता है. विगत वर्षो पर नजर डालें तो वर्ष 2000 के बाद तीन बार अंतरिम बजट पेश किए गए हैं.

International Yoga Day 2025: 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग': अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम घोषित, मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी ने दी जानकारी
दे�षि बाजारों के रूप में विकसित करने का ऐलान किया.

  • किसानों एवं उपभोक्ताओं के हित में आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ लांच किया गया.
  • मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नए कोष की घोषणा की.
  • महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाली ऋण राशि को पिछले साल के 42,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपये किया गया.
  • निम्न एवं मध्यम वर्ग को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, बिजली और शौचालय सुलभ कराने हेतु उज्ज्वला, सौभाग्य और स्वच्छ मिशन के लिए अधिक लक्ष्य तय किया गया.
  • द्वितीयक एवं तृतीयक इलाज के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की सीमा के साथ दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की गई है, जिसके दायरे में 10 करोड़ से भी अधिक गरीब एवं कमजोर परिवारों को लाया जाएगा.
  • बुनियादी ढांचागत क्षेत्र के लिए 5.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन.
  • यह भी पढ़े- Budget 2019: मिडल क्लास और किसानों को बड़ी सौगात देगा अबकी बार का बजट?

    • 10 प्रमुख स्थलों को प्रतीक पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित करने का ऐलान.
    • विनिवेश 72,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर 1,00,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचा.
    • बैंकों और डाकघरों में जमाराशियों पर ब्याज आमदनी संबंधी छूट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का ऐलान किया.
    • स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और / अथवा चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई.
    • कुछ विशेष गंभीर बीमारियों पर चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 60,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) और 80,000 रुपये (अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये की गई.
    • प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2020 तक बढ़ाने का ऐलान.
    • रोजगार बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहनों के कलपुर्जों, फुटवियर और फर्नीचर में ‘मेक इन इंडिया’ तथा घरेलू मूल्य वर्द्धन को भी प्रोत्साहित करने के लिए सीमा शुल्क में फेरबदल करने का ऐलान किया.

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    मोदी सरकार ने साल 2014 में सत्ता संभालने के बाद पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं. वित्त वर्ष 2019-2020 इस साल एक अप्रैल से आरंभ होगा और इस सरकार का कार्यकाल मई 2019 में खत्म हो रहा है. आमतौर पर चुनाव से पहले अंतरिम बजट ही पेश होता है. विगत वर्षो पर नजर डालें तो वर्ष 2000 के बाद तीन बार अंतरिम बजट पेश किए गए हैं.

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