असम में बाढ़: पानी-पानी हुआ काजीरंगा नेशनल पार्क, उद्यान का 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न, ऊंचे इलाकों में पहुंचाए गए जानवर

असम में आए विनाशकारी बाढ़ के चलते ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी छोर पर स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क पानी-पानी हो गया है. इस उद्यान का 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया है, जिसके चलते जानवरों को ऊंचाई वाले इलाकों में पहुंचाया गया.

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असम में बाढ़: पानी-पानी हुआ काजीरंगा नेशनल पार्क, उद्यान का 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न, ऊंचे इलाकों में पहुंचाए गए जानवर

असम में आए विनाशकारी बाढ़ के चलते ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी छोर पर स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क पानी-पानी हो गया है. इस उद्यान का 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया है, जिसके चलते जानवरों को ऊंचाई वाले इलाकों में पहुंचाया गया.

देश Anita Ram|
असम में बाढ़: पानी-पानी हुआ काजीरंगा नेशनल पार्क, उद्यान का 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न, ऊंचे इलाकों में पहुंचाए गए जानवर
काजीरंगा नेशनल पार्क का 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न (Photo Credits: ANI)

बक्सा: असम (Assam) में मूसलाधार बारिश (Heavy Rainfall) से आए विनाशकारी बाढ़ (Flood) के चलते काजीरंगा नेशनल पार्क (Kaziranga National Park) पानी-पानी हो गया है. बाढ़ की वजह से इस उद्यान का करीब 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया है और यहां स्थित करीब 95 शिविर (Camps) पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं. हालांकि इस स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, वन अधिकारियों (Forest Officials) की छुट्टियों को कैंसिल कर, उन्हें ड्यूटी पर तैनात रहने के लिए कहा गया है.

दरअसल, काजीरंगा नेशनल पार्क गैंडों (Rhinoceroses) का घर माना जाता है. इसके अलावा इस उद्यान में बाघ, हाथी जैसे अन्य जानवर भी बड़ी तादात में पाए जाते हैं. बाढ़ में इस उद्यान का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो जाने की वजह से यहां के जानवरों को ऊंचाई वाले इलाकों (Highlands) पर पहुंचाया गया है.

बता दें कि काजीरंगा नेशनल पार्क ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी छोर पर स्थित है. असम में मूसलाधार बारिश के चलते ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके बाद बाढ़ की स्थिति में जानवरों को सुरक्षित तरीके से ऊंचाई वाले स्थान पर पहुंचाने के लिए पहले ही उद्यान के भीतर मौजूद सभी 200 हाइलैंड्स की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया था. यह भी पढ़ें: असम और बिहार में बाढ़ से जिंदगी बेहाल, अगले 48 घंटों में भारी बारिश की संभावना, गृह मंत्री अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक

इस उद्यान में शिकारियों द्वारा अवैध शिकार की संभावना के मद्देनजर वन विभाग ने राष्ट्रीय राजमार्ग-37 (National Highway 37) पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं. यह राजमार्ग असम के करीमगंज (Karimganj) के पास सुतारकंडी (Sutarakandi) से शुरू होता है और मणिपुर (Manipur) के भाली (Bhali) में समाप्त होता है.

काजीरंगा नेशनल पार्क के दोनों तरफ से आनेवाले वाहनों को टाइम कार्ड दिया जाता है ताकि अवैध शिकार से जानवरों को बचाना जा सके.  इसके अलावा यहां रात में भी वन रक्षक ड्यूटी पर तैनात रहते हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2017 में काजीरंगा में बाढ़ आने से 360 से ज्यादा जानवर डूब गए थे, जिनमें 32 गैंडे थे.

गौरतलब है  कि बाढ़ से चारों तरफ मचे हाहाकर के बीच एसडीआरएफ (SDRF) और सिविल प्रशासन के साथ भारतीय सेना की टुकड़ियों ने बचाव अभियान चलाया और राज्य में बक्सा जिले के बालीपुर चार में फंसे लगभग 150 ग्रामीणों को बाहर निकाला.

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