Kolkata Doctor Rape Murder: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को एक मामला दर्ज किया. यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष (Sandip Ghosh) का नाम जांच से जुड़ा हुआ है.
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और बेईमानी के आरोपों के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है. ये आरोप गंभीर अपराधों की श्रेणी में आते हैं और इनमें जमानत नहीं दी जाती है.
संदीप घोष पर CBI के बाद अब ED का शिकंजा
केंद्र सरकार के निर्देशानुसार, सीबीआई ने यह मामला कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) से अपने हाथों में लिया. अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस मामले में गहराई से जांच करेगा. ईडी का फोकस मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराधों पर रहेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस पूरे प्रकरण में आर्थिक अनियमितताओं को अंजाम देने वाले सभी दोषियों को न्याय के दायरे में लाया जा सके.
डॉ. संदीप घोष ने फरवरी 2021 से लेकर सितंबर 2023 तक आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रधानाचार्य के रूप में कार्य किया. हालांकि अक्टूबर 2023 में ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने एक महीने के भीतर ही अपने पद पर वापसी कर ली. वे तब तक इस पद पर बने रहे जब तक कि एक महिला डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या की घटना नहीं हुई. इस घटना के बाद, उन्हें उनके पद से हटा दिया गया.
हालांकि इस मामले में एक और मोड़ तब आया जब ममता बनर्जी सरकार ने उन्हें कुछ ही घंटों में कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (सीएनएमसी) में एक समान पद पर फिर से बहाल कर दिया गया. इस निर्णय से सीएनएमसी के छात्रों के बीच भारी असंतोष फैला, जिसके कारण उन्हें भ्रष्टाचार की जांच के लंबित रहते अनिश्चितकालीन अवकाश पर भेज दिया गया.
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई कथित वित्तीय अनियमितताओं ने बड़ी हलचल मचा दी है. अब जबकि सीबीआई और ईडी दोनों इस मामले की जांच कर रहे हैं, उम्मीद की जा रही है कि सच जल्द ही सामने आएगा और दोषियों को कानून के अनुसार सजा मिलेगी.