Russia-Ukraine War: पीएम मोदी की कूटनीति का कमाल, यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए रूस ने खुद बताया सुरक्षित ठिकाना
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित रास्ता देगा रूस (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: यूक्रेन (Ukraine) स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को किसी भी हालत में तत्काल खार्किव और कीव छोड़ने की चेतावनी जारी की है. हालांकि रूस (Russia) और यूक्रेन के सहयोग से भारतीयों को युद्धग्रस्त हिस्सों से निकालने का अभियान तेज किया गया है. Ukraine में 22 वर्षीय भारतीय छात्र चंदन जिंदल की मौत, विदेश मंत्रालय ने कहा- प्राकृतिक कारणों से हुई मृत्यु

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा “खार्किव में जो भारतीय फंसे हैं, उन्हें तुरंत वहां से किसी दूसरी जगह चले जाने का एडवाइजरी जारी की गई है. इसके लिए खार्किव के पास की तीन जगह (पिसोचिन,बेज़लुडोव्का और बाबे) सुरक्षित जोन बताई गई हैं. नागरिकों को आज 6 बजे (यूक्रेनी समय) तक इन इलाकों में पहुंचने को कहा गया है.” उन्होंने आगे बताया “एडवाइजरी रूसी पक्ष से प्राप्त इनपुट के आधार पर जारी की गई है. हमने खुद से एडवाइजरी में जगह और समय तय नहीं किया है, ये इनपुट पर आधारित है.”

इससे पहले रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि उनका देश यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के लिये सुरक्षित मार्ग बना रहा है. बुधवार को अलीपोव ने कहा, हम सुरक्षित मार्ग बनाने के लिये तेजी से काम कर रहे हैं ताकि उन इलाकों में फंसे भारतीय नागरिक सुरक्षित उसके जरिये रूस जा सकें.

उन्होंने कहा कि यूक्रेन के जिन इलाकों में संघर्ष गंभीर है, वहां से भारतीय छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिये रूस हरसंभव प्रयास करेगा. उन्होंने साथ ही यूक्रेन में मंगलवार की सुबह मारे गये भारतीय छात्र नवीन के परिजनों के प्रति संवेदना जतायी और कहा कि उसकी मौत की जांच होगी.

कर्नाटक का 21 साल का नवीन खारकिव शहर में स्थित खारकिव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में अंतिम वर्ष का छात्र था. वह राशन लेने के लिये एक कतार में खड़ा था जब हमले में वह मारा गया.

राजदूत ने कहा कि खारकिव, सुमी और पूर्वोत्तर के अन्य क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर भारतीय प्रशासन से लगातार संपर्क बना हुआ है. उन्होंने कहा कि रूस कुछ सुरक्षित गलियारा बनाने की तैयारी कर रहा है, जिससे लोग सुरक्षित तरीके से रूस में आ सकें.

राजदूत ने साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के तटस्थ और संतुलित रूख अपनाने से हम उसके प्रति कृतज्ञ हैं. भारत मौजूदा संकट को समझता है. वह इस संकट की गहराई, इसके कारण और पूरी स्थिति को बाखूबी समझता है. हमें उम्मीद है कि भारत आगे भी यही रूख रखेगा.