![तेजी से बढ़ रहा शेयर बाजार का दायरा, महाराष्ट्र-यूपी टॉप पर, चार निवेशकों में से एक महिला तेजी से बढ़ रहा शेयर बाजार का दायरा, महाराष्ट्र-यूपी टॉप पर, चार निवेशकों में से एक महिला](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2024/09/plane-hijacking-35-53-380x214.jpg)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) ने 20 जनवरी, 2025 तक 11 करोड़ अद्वितीय निवेशकों का आंकड़ा पार करते हुए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. इसके अतिरिक्त, एक्सचेंज के साथ रजिस्टर्ड क्लाइंट कोड की कुल संख्या 21 करोड़ को पार कर गई है, जो देशभर में शेयर बाजार में भागीदारी के लिए बढ़ते उत्साह को दर्शाता है.
निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में 3.6 गुना वृद्धि
पिछले पांच सालो में निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में 3.6 गुना वृद्धि देखी गई है, जो वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण की तीव्र गति को दर्शाता है.
2008 में कुल 1 करोड़ निवेशकों से लेकर आज 11 करोड़ तक की यात्रा एक तीव्र गति को दर्शाती है, जिसमें सबसे हालिया 1 करोड़ निवेशक केवल पांच महीनों में जुड़े हैं. देखा जाए तो एक दिन में नए रजिस्ट्रेशन की संख्या 47,000 से 73,000 के बीच होती हैं, जो मजबूत बाजार प्रदर्शन और बढ़ी हुई निवेशकों की जागरूकता को दर्शाता है.
पिछले 5 वर्षों का प्रदर्शन
साल 2024 में भारतीय बाजारों ने शानदार रिटर्न दिया है. एनएसई लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण एक दशक में लगभग छह गुना बढ़ गया है, जो 2014 में 73.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर आज 425 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
कहां है सबसे ज्यादा निवेशक?
निवेशकों की डेमोग्राफिक प्रोफाइल बदल गई है, अब निवेशकों की औसत आयु घटकर 32 वर्ष हो गई है और 40% निवेशक 30 वर्ष से कम आयु के हैं. अब हर चार निवेशकों में से एक महिला है.
दूसरी ओर क्षेत्रीय भागीदारी लगातार बढ़ रही है, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य में निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में वृद्धि देखी जा रही हैं, जो नए निवेशकों के रजिस्ट्रेशन संख्या में कुल 25% से अधिक का योगदान को दर्शाती है.
महाराष्ट्र 1.8 करोड़ निवेशकों के साथ सूची में सबसे ऊपर है, उसके बाद उत्तर प्रदेश 1.2 करोड़ और गुजरात 98 लाख के साथ दूसरे स्थान पर है.
नए एसआईपी खाते:
अप्रत्यक्ष बाजार भागीदारी में भी वृद्धि हुई है, जुलाई और दिसंबर 2024 के बीच 3.7 करोड़ नए एसआईपी (SIP) खाते खोले गए हैं. औसत मासिक एसआईपी फ्लो 2024 की पहली छमाही में 19,972 करोड़ रुपये से बढ़कर दूसरी छमाही में 24,748 करोड़ रुपये हो गई है, जो निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और बाजारों में विश्वास को दर्शाता है.
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वित्तीय निर्णय लेने से पहले स्वतंत्र पेशेवर सलाह लें. लेखक और प्रकाशक इस जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय या कार्य के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे. सभी निवेश जोखिमों के अधीन होते हैं और पाठकों को सावधानी से विचार करने की सलाह दी जाती है.