देहरादून, तीन जून: उत्तराखंड में मंगलवार को होने वाली मतगणना से पहले लोगों की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार तीसरी बार प्रदेश की सभी पांच लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करेगी या वर्ष 2014 से अपना खाता खोलने में विफल रही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस बार सेंध लगाने में सफल हो जाएगी. उत्तराखंड में सभी लोकसभा सीट—हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और अल्मोड़ा, पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हुआ था.
भाजपा ने तीन सीट पर पुराने चेहरों को ही तरजीह दी जबकि अन्य दो सीट पर नए उम्मीदवारों पर दांव लगाया. अब यह देखना रोचक होगा कि हरिद्वार में पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की जगह चुनाव मैदान में उतारे गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पौड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की जगह टिकट पाने में सफल रहे पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी का परिणाम कैसा रहता है .
हरिद्वार और पौड़ी, दोनों ही सीटों पर पूर्व में भाजपा और कांग्रेस के कददावर नेता जीत चुके हैं .
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 2009 में हरिद्वार सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे लेकिन 2014 और 2019 में इस सीट पर निशंक ने जीत हासिल की.
पौड़ी में 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जीत हासिल की थी जबकि उससे पहले यहां से उनके राजनीतिक गुरू और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने विजय प्राप्त की . वर्ष 2009 में यहां से सतपाल महाराज कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. नैनीताल, अल्मोड़ा और टिहरी लोकसभा सीट के परिणामों की भी बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है जहां से भाजपा ने क्रमश: अजय भटट, अजय टम्टा और महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह को दोबारा मैदान में उतारा है .
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