
नयी दिल्ली, 20 नवंबर: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि लोगों से राजमार्गों (हाईवे) पर घूमने की उम्मीद नहीं की जाती और इन सड़कों पर पैदल चलने वालों की सुरक्षा के मुद्दे उठाने वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. शीर्ष न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई है. उच्च न्यायालय ने राजमार्गों पर पैदल चलने वालों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे उठाने वाली एक याचिका पर यह आदेश जारी किया था. याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि कोई सकारात्मक निर्देश नहीं दिया जा सकता क्योंकि याचिका में दावा किया गया राहत एक नीतिगत विषय होगा.
इसने याचिका में उठाये गए मुद्दे पर कहा था कि याचिकाकर्ता के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का रुख करने का विकल्प खुला हुआ है. शीर्ष न्यायालय में, सोमवार को यह विषय न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांधु धूलिया की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा राजमार्गों पर पैदल यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. पीठ ने पूछा, ‘‘पैदल यात्री राजमार्ग पर कैसे आ सकते हैं?’’इसने कहा कि अनुशासन की जरूरत है.
आंकड़ों का हवाला देते हुए वकील ने कहा कि देश में पैदल यात्रियों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है. पीठ ने कहा कि � />