
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार की विशेष मान्यता है. इसे बड़ा मंगल अथवा बुढ़वा मंगल के नाम से भी पूजा जाता है. इस पर्व का संबंध रामायण एवं महाभारत काल से भी है. गौरतलब है इस पर्व की शुरुआत लखनऊ से हुई थी, लेकिन आज संपूर्ण भारत में बड़ा मंगल का पर्व बड़ी धूमधाम एवं आस्था के साथ मनाया जाता है. इस दिन हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. आइये जानते हैं कि बड़ा मंगल का महत्व, तथा कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है.
बड़ा मंगल क्या है?
बड़ा मंगल से जुड़ी दो कहानियां
श्री राम और हनुमान की मुलाकात: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में, जब भगवान राम देवी सीता की खोज में निकले थे, तब उनकी हनुमान जी से पहली मुलाकात ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हुई थी. श्रीराम-हनुमान के इस मिलन को बहुत शुभ माना जाता है. इसलिए हर साल ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में पूरी श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाया जाता है
लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह की हनुमान भक्तिः 18वीं शताब्दी में, अवध के नवाब वाजिद अली शाह ने अपने बेटे के बीमार होने पर हनुमान जी से प्रार्थना की थी, क्योंकि सभी हकीम और वैद्यों ने उनसे स्पष्ट कह दिया था, कि उनके बच्चे को बस हनुमानजी ही बचा सकते हैं. उनके कहने पर नवाब अलीगंज स्थिति हनुमान मंदिर गये, औऱ उनकी भक्ति और आस्था के कारण उनका बच्चा स्वस्थ हो गया. नवाब ने इस घटना का आभार व्यक्त करने के लिए ज्येष्ठ महीने के हर मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में मनाने की शुरुआत की.
आज बड़ा मंगल का पर्व संपूर्ण भारत में बड़ी धूमधाम एवं आस्था के साथ मनाया जाता है.
बड़ा मंगल के अनुष्ठान
ज्येष्छ मास के अंतिम बड़े मंगल के दिन स्नान-ध्यान के पश्चात स्वच्छ वस्त्र पहनें. हनुमान जी पर गंगाजल छिड़क कर उन्हें प्रतीकात्मक स्नान कराएं. धूप दीप प्रज्वलित करें. हनुमान जी का यह शक्तिशाली मंत्र पढ़ें.
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्:
इसके बाद हनुमान को सिंदूर, चमेली का तेल, पान, रोली और तुलसीदल अर्पित करें, चोला चढ़ाएं. भोग में लड्डू एवं केला चढ़ाएं. इस दिन मान्यता है कि हनुमान चालीसा का न्यूनतम ग्यारह बार पाठ करने एवं चना-गुड़ का भोग लगाने से हनुमान जी की विशेष कृपा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन बहुत से लोग हनुमान जी को शुद्ध घी से बना चूरमा का भोग लगाते हैं. इसके अलावा घर में लाल रंग का झंडा भी लगाते हैं. इसके पश्चात हनुमान जी की आरती उतारें और सभी को प्रसाद वितरित करें.