Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह के मंगलवारों को ‘बुढ़वा मंगल’ क्यों कहते हैं? दूसरे बड़ा मंगल पर ऐसे करें पूजा, दूर होंगे सारे संकट!
हनुमान 2025 (Photo Credits: File Image)

  हिंदू धर्म में बड़ा मंगल पर्व का विशेष महत्व है. वस्तुतः प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है. बहुत-सी जगहों पर इसे बुढ़वा मंगल भी कहते हैं. इस दिन हनुमान मंदिरों को अच्छे से सजाया जाता है, विशेष पूजा-अनुष्ठान सम्पन्न किये जाते हैं. जगह-जगह भंडारे चलते हैं, जहां मुफ्त खाना और प्रसाद का वितरण होता है. मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और जातक के जीवन में चल रहे सारे संकट हर लेते हैं. बहुत से लोग इस दिन मन्नत के अनुसार भंडारा करते हैं. साल का दूसरा बड़ा मंगल 20 मई 2025 को मनाया जाएगा. आइये इस दूसरे बड़ा मंगल के बारे में विस्तार से..

ज्येष्ठ मास के मंगल का ही विशेष महात्म्य क्यों?

   यूं तो प्रत्येक मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित होता है, लेकिन ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार विभिन्न कारणों से विशेष माने जाते हैं, इसलिए ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार के दिन हनुमान जी की विधि-विधान से व्रत एवं पूजन की परंपरा है, मान्यता है कि ऐसा करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं, और जातक के सभी कष्टों को दूर कर जीवन खुशियां भर देते हैं. ज्येष्ठ मंगलवार को पूरे दिन व्रत रखते हुए हनुमान जी की पूजा के दरमियान उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना विशेष पुण्यदायी माना जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार शक्तिसाहस, और ऊर्जा देने वाले साबित होते हैं. यह भी पढ़ें : Shani Jayanti 2025: शनिदेव की पूजा घर पर क्यों नहीं करते? जानें शनि जयंती का महत्व, मूल तिथि, पूजा का मुहूर्त एवं विधि!

ज्येष्ठ मास के दूसरे मंगलवार को ऐसे करें पूजा

 ज्येष्ठ मास के दूसरे बड़ा मंगल के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. स्वच्छ एवं भगवा वस्त्र धारण करें. पूजा के मंदिर में स्थित हनुमान जी प्रतिमा पर गंगाजल छिड़क कर उन्हें प्रतीकात्मक स्नान कराएं. धूप- दीप प्रज्वलित करें. अब हनुमान जी को लाल पुष्पलाल वस्त्रसिंदूरचमेली का तेलअक्षत एवं तुलसी आदि चढ़ाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें. बहुत अच्छा होगा, अगर इस दिन सुंदरकांड का पाठ करें. अंत में हनुमान जी की आरती उतार कर पूजा सम्पन्न करें. व्रत तोड़ने से पूर्व गरीबों को वस्त्र एवं अन्न का दान जरूर करना चाहिए.

ज्येष्ठ मास के मंगलवारों को बड़ा मंगल क्यों कहते हैं?

  ज्येष्ठ मास के हर मंगलवार को बड़ा मंगल कहते है. इस वर्ष बड़ा मंगल 13 मई से शुरू हुआ था. 20 मई को दूसरा बड़ा मंगल मनाया जाएगा. पुराणों के अनुसार जब भगवान राम एवं लक्ष्मण माता सीता की खोज में भटक रहे थे, तब उनकी पहली मुलाकात ब्राह्मण रूपी हनुमान से हुई थी. मान्यता है कि यह मुलाकात ज्येष्ठ मास मंगलवार को हुई थी. इसी तरह एक अन्य कथा के अनुसार द्वापर युग में महाबलशाली भीम का घमंड वृद्ध हनुमान जी ने ज्येष्ठ मंगलवार के दिन ही तोड़ा था, इसलिए ज्येष्ठ मास के मंगलवारों को बुढ़वा मंगल कहा जाता है. वहीं एक अन्य घटना अनुसार ज्येष्ठ मास के मंगलवार को ही हनुमान जी ने लंका-दहन किया था, और ज्येष्ठ मंगलवार के दिन ही हनुमान को अमरता का वरदान भी मिला था. इसलिए ज्येष्ठ मास के मंगलवारों का विशेष महत्व है.