मुंबई, 15 मार्च : महाराष्ट्र सरकार के लाखों कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रही, हालांकि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने उनसे काम पर लौटने की अपील की थी. सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों और कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ है. राज्य सरकार के कर्मचारियों, अर्द्ध-सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के करीब 35 संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली समिति के संयोजक विश्वास काटकर ने दावा किया कि उनके सदस्य महाराष्ट्र के सभी 36 जिलों में हड़ताल और प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं.
उन्होंने विधानसभा में मंगलवार को की गई शिंदे की अपील को खारिज कर दिया और कहा कि कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जाए. शिंदे ने सोमवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को वापस लेने की मांग पर गौर करने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों के एक पैनल की भी घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि पैनल समयबद्ध तरीके से अपनी रिपोर्ट देगा. यह भी पढ़ें : ब्रिटेन वाले बयान के लिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी का बचाव किया
काटकर ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों ने 2018 में भी इसी तरह का आंदोलन किया था, जिसके बाद एक समिति का गठन किया गया था लेकिन इसकी रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कर्मचारियों ने 2022 में भी हड़ताल की थी लेकिन उनकी मांग पूरी करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई. महाराष्ट्र नर्सिंग एसोसिएशन की सुमित्रा टोटे ने कहा कि 30 जिलों में उनकी शाखाएं हड़ताल में शामिल हैं.