Delhi: दिल्ली के उपराज्यपाल ने आपराधिक मामलों पर स्थायी समिति को भंग किया
V.K. Saxena

नयी दिल्ली, 27 नवंबर: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने आपराधिक मामलों में जांच की गुणवत्ता और उनके अभियोजन को सुनिश्चित करने के लिए आप सरकार द्वारा गठित स्थायी समिति को यह कहते हुए भंग कर दिया है कि यह 2014 के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का “घोर उल्लंघन” है. राजनिवास के एक आदेश में यह जानकारी दी गई.

सोमवार को मीडिया के साथ साझा किए गए एक नोट में उपराज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, “दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आपराधिक मामलों में जांच की गुणवत्ता और उनके अभियोजन को सुनिश्चित करने के लिए आप सरकार द्वारा गठित मौजूदा स्थायी समिति को यह कहते हुए भंग कर दिया है कि यह 2014 के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और केंद्र के बाद के दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन है.

दिल्ली उच्च न्यायालय के स्थायी वकील (फौजदारी) की अध्यक्षता और अतिरिक्त स्थायी वकील की सदस्यता वाली मौजूदा स्थायी समिति को भंग करते हुए सक्सेना ने इसके पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसमें एक अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव (गृह) अध्यक्ष और प्रधान सचिव (विधि), निदेशक (अभियोजन) और विशेष पुलिस आयुक्त, सदस्य होंगे. समिति को रद्द करने पर दिल्ली सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

अधिकारी ने बताया कि सक्सेना ने कहा कि मौजूदा समिति को जारी रखने का कोई कारण या औचित्य नहीं है और यहां तक कि उनके पूर्ववर्ती ने भी बार-बार इस पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा कि उनके पूर्ववर्ती अनिल बैजल ने 11 मई 2017 के अपने नोट में शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप समिति के गठन की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया और उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा 19 फरवरी 2018, 22 जून 2018, 18 अक्टूबर 2018 और 31 मई 2019 को स्मरण पत्र जारी किए थे. अधिकारी ने कहा कि समिति के पुनर्गठन के लिए हालांकि कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया था.

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