इंदौर, 29 अप्रैल: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर के शहरी इलाके में एक महीने से ज्यादा वक्त से कर्फ्यू लगा है. इसके बावजूद बड़ी तादाद में इस महामारी के नये मरीज सामने आ रहे हैं. इससे महामारी के फैलने की हकीकत के साथ ही कर्फ्यू के पालन को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान 94 नये मामले मिलने के बाद जिले में कोविड-19 के मरीजों की तादाद 1,372 से बढ़कर 1,466 पर पहुंच गयी है.
जिले में इस महामारी के अधिकतर मामले इंदौर शहर से सामने आये हैं जहां कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से कर्फ्यू लगा रखा है. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में जो जांच रिपोर्ट आयी हैं, उनमें दो मरीजों की मौत से पहले लिये गये नमूने भी कोविड-19 से संक्रमित पाये गये हैं. इनमें शामिल 70 वर्षीय पुरुष ने 17 अप्रैल को शहर के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ा था. वह मधुमेह से भी पीड़ित थे.
दूसरे मामले में 45 वर्षीय पुरुष ने 23 अप्रैल को इसी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी. वह किडनी संबंधी बीमारी से पहले ही जूझ रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि दोनों मामलों को मिलाकर जिले में कोविड-19 संक्रमण के बाद मरने वाले मरीजों की तादाद 63 से बढ़कर 65 पर पहुंच गयी है.
कर्फ्यू लगा होने के बाद भी शहर में बड़ी तादाद में कोविड-19 के नये मरीज सामने आने के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य विभाग रटा-रटाया जवाब दोहरा रहा है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने "पीटीआई-" से कहा, "शहर में कोविड-19 के जो नये मरीज मिल रहे हैं, उनमें से ज्यादातर लोग इस महामारी के पुराने मरीजों के सगे-संबंधी या परिचित हैं. मरीजों के संपर्क में आये ऐसे सभी लोगों को सावधानी के तौर पर पहले ही अलग किया जा चुका है."