नयी दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान त्वरित ईपीएफ संवितरण की गति बरकरार रखते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) पैकेज के तहत 7.40 लाख कोविड-19 दावों सहित कुल 12.91 लाख दावों का निपटान किया. इसमें पीएमजीकेवाई पैकेज के अंतर्गत 2367.65 करोड़ रुपये के कोविड दावों सहित कुल 4684.52 करोड़ रुपये का संवितरण शामिल है. इस बात का गौर करना उत्साहजनक है कि कोविड-19 महामारी के अवसर पर छूट प्राप्त ट्रस्ट्स भी सामने आए हैं. 27.04.2020 तक इस योजना के तहत छूट प्राप्त ट्रस्टों द्वारा 79,743 पीएफ सदस्यों को कोविड-19 के लिए अग्रिम के तौर पर 875.52 करोड़ रुपये का संवितरण किया गया. इसमें 222 निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों ने 54641 लाभार्थियों को 338.23 करोड़ रुपये, निजी क्षेत्र के 76 प्रतिष्ठानों ने 24178 का लाभार्थियों को 524.75 करोड़ रुपये तथा सहकारी क्षेत्र के 23 प्रतिष्ठानों ने 924 दावेदारों को 12.54 करोड़ रुपये का संवितरण किया गया.
मैसर्ज टाटा कंसल्टेंसी सर्विस मुम्बई, मैसर्ज एचसीएल टैक्नोलॉजीस लिमिटेड, गुरुग्राम और मैसर्ज एचडीएफसी बैंक पवई, मुम्बई ‘निपटाए गए दावों की संख्या’ और ‘संवितरण राशि’ के दोनों के संदर्भ में निजी क्षेत्र के तीन शीर्ष छूट प्राप्त प्रतिष्ठान हैं.सार्वजनिक क्षेत्र में, मैसर्ज ओएनजीसी देहरादून, मैसर्ज नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन नेवेली और मैसर्ज भेल त्रिची शीर्ष 3 छूट प्राप्त प्रतिष्ठान हैं, जिन्होंने अधिकतम संख्या में कोविड-19 के अग्रिम दावों का निपटारा किया है; जबकि, मैसर्ज नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन नेवेली, मैसर्ज ओएनजीसी देहरादून और मैसर्ज विशाखापट्टनम स्टील प्लांट विशाखापत्तनम ईपीएफ सदस्यों को संवितरित राशि के मामले में शीर्ष तीन प्रतिष्ठान हैं. यह भी पढ़ें: कोरोना से जंग: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 33 करोड़ गरीबों के खाते में पहुंचे 31,235 करोड़ रुपये
कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए ईपीएफ योजना से एक विशेष निकासी का प्रावधान सरकार द्वारा घोषित पीएमजीकेवाई योजना का हिस्सा है और इस मामले पर 28 मार्च, 2020 तारीख को ईपीएफ योजना के अनुच्छेद 68 एल (3) को पेश करने के लिए तत्काल अधिसूचना जारी की गई थी. इस प्रावधान के तहत तीन महीने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते की सीमा तक गैर-प्रत्यर्पणीय निकासी या ईपीएफ खाते में सदस्य के क्रेडिट के लिए मौजूद राशि का 75 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, प्रदान की जाती है. लॉकडाउन के कारण केवल एक तिहाई कर्मचारियों के काम करने में सक्षम होने के बावजूद, ईपीएफओ इस कठिन परिस्थिति के दौरान अपने सदस्यों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस मुश्किल समय के दौरान ईपीएफओ कार्यालय उनकी मदद करने के लिए कार्य कर रहे हैं.