प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)
महिलाओं की ही तरह पुरुषों के लिए भी अपनी फर्टिलिटी को अपने हिसाब से नियंत्रित करने के लिए अब कई उपाय आ गए हैं. लेकिन ऐसे तरीकों को पर्याप्त फंडिंग नहीं मिल रही है.पेरिस में मेक्सीम लाबरित को घेर कर कई जिज्ञासु लोग खड़े हैं. हाल ही में प्रजनन अधिकारों को यहां आयोजित हुए एक कार्यक्रम में लाबरित कई रंग बिरंगी सिलिकॉन रिंग्स दिखा रहे हैं. लाबरित एक प्रशिक्षित नर्स हैं. उन्होंने पुरुष गर्भनिरोधकों को लेकर एक आंदोलन छेड़ा है और इससे काफी उम्मीदें जुड़ी हैं.
इस दुनिया में इस समय दो अरब से भी ज्यादा पुरुष बच्चे पैदा कर सकने की आयु में हैं. जबकि हर दूसरी गर्भावस्था अनजाने में ठहरी है. इसका बोझ अकसर महिलाओं पर पड़ता है जबकि पुरुषों के पास अपनी फर्टिलिटी पर नियंत्रण के गिने चुने विकल्प ही होते हैं.
लेकिन अब कई ऐसे सामाधान आ गए हैं. इनमें से कुछ तो आप आज भी खरीद सकते हैं. मुश्किल ये समझने में आती है कि इनमें से कौन से उपाय सुरक्षित हैं. ये पता लगने में समय लगता है. ऐसे कई नए प्रोडक्ट आजकल बाजार में उतरने की तैयारी में है. अब अधिक से अधिक पुरुष अपनी फर्टिलिटी को नियंत्रित करने में रुचि दिखा रहे हैं. गेट्स फाउंडेशन या संयुक्त राष्ट्र समर्थित कई वैश्विक अध्ययन यह दिखाते हैं कि पुरुष गर्भनिरोधकों की मांग बढ़ रही है.
कंडोम और नसबंदी के अलावा कौन से उत्पाद मौजूद हैं?
मेल कंट्रासेप्टिव इनिशिएटिव (एमसीआई) के अनुसार, वैज्ञानिक 100 से अधिक नवाचारों पर काम कर रहे हैं. कुछ उपाय शुक्राणु के विकास को रोकते हैं. दूसरे, शुक्राणु को तैरने से रोकने पर काम करते हैं ताकि वे अंडों तक ना पहुंच सकें. कुछ अन्य शुक्राणु को ब्लॉक करने पर काम करते हैं. इसके अलावा कुछ अन्य तरीके शुक्राणुओं को अंडों को फर्टिलाइज करने से रोक सकते हैं.
इस समय एक हार्मोन-आधारित उत्पाद भी है जो अन्य तरीकों की अपेक्षा अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा है. अब तक, पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक बनाने के प्रयासों में सफलता हाथ नहीं लगी है. लेकिन इस कड़ी में कंधे पर लगाई जा सकने वाली नेस्टोस्टेरॉन/टेस्टोस्टेरॉन ट्रांसडर्मल जेल इस समय क्लिनिकल ट्रायल में सबसे ज्यादा आगे चल रही है.
अन्य विकसित आशाजनिक उपाय में कॉन्ट्रालाइन जेल भी है, जो स्पर्म ले जाने वाली नली को ब्लॉक करती है. इसके अलावा रोजाना खाने वाली योर चॉइस की हार्मोन-रहित गोली भी है. इनकी अभी इंसानों पर जांच की जा रही है लेकिन अगले बाजार में आने में पांच से दस साल लग सकते हैं.
लाबरित ने खुद बाजार में मौजूद उपायों से निराश होकर सिलिकॉन रिंग्स की खोज की थी. वह कहते हैं, "आपको इंतजार करने की जरूरत नहीं है. पुरुष गर्भनिरोधक अब उपलब्ध हैं." एक फ्रेंच महिला के प्यार में पड़ने के बाद महिला ने लाबरित से कहा कि उन्हें अपने स्पर्म की जिम्मेदारी खुद लेनी होगी. इसके बाद अपने माता-पिता के साथ मिलकर लाबरित ने अपने गैराज में एंड्रो-स्विच रिंग का प्रोटोटाइप तैयार किया.
थर्मल गर्भनिरोधकः एक नया विचार
इसका सिद्धांत काफी सहज लगता हैः स्पर्म उत्पादन तापमान के प्रति संवेदनशील होते हैं. रिंग अंडकोषों को शरीर के पास तक ले आती है, ताकि वे शरीर की प्राकृतिक गर्मी अवशोषित कर सकें. तापमान के कुछ डिग्री तक बढ़ने से अस्थायी बांझपन की स्थिति बन जाती है.
लाबरित यूरोप के आस पास में नाव में यात्रा कर अपने मिशन के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं. उनके जैसे ही कई उत्पाद अन्य जगहों में सामने आ रहे हैं. फ्रांस में हीटिंग पैच के साथ थर्मल अंडरवियर बेचे जा रहे हैं. अंडकोष गर्मी की एक परत में बंधे होते हैं, जिससे स्पर्म उत्पादन में गिरावट आती है.
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आपको कैसे पता चलेगा कि यह काम कर रहा है?
प्रजनन क्षमता की निगरानी के लिए एक तरीका सेमिनोग्राम्स (वीर्य विश्लेषण) है, जिससे स्पर्म की गुणवत्ता टेस्ट की जाती है. इसे बताने के लिए जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाइड साइंसेज, मिटेलहेसन में रिसर्च करने वाले जर्मन शोधकर्ता डॉक्टर रोल्फ टोबिश ने एक होम सेमिनोग्राम विकसित किया है- एक ऐसा उपकरण जो उपयोगकर्ताओं को अपने घर में ही आराम से प्रजनन जांच करने की सुविधा देता है.
हालांकि टोबिस के लिए इस उत्पाद को बाजार तक लाना एक बड़ी चुनौती रही. चिकित्सकीय प्रमाणन में काफी समय लगता है और यह काफी महंगा भी होता है. बड़ी फार्मा कंपनियां इसमें निवेश के लिए उत्साहित नहीं हैं.
उन्होंने थर्मल गर्भनिरोधक उपकरण भी तैयार किया है जिससे अंडकोष को एक महीने में केवल 10 मिनट गर्म करना होता है. उनका दावा है कि यह अस्थायी तौर पर पुरुषों को बांझ बना सकता है. इतनी क्षमता के बावजूद टोबिश को पर्याप्त फंडिंग के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा.
चिकित्सा प्रमाणन भी एक समस्या है
टोबिश को यकीन है कि उनकी खोज काम करेगी. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "मैंने कई बार सोचा कि हार मान लूं." निवेशक आम तौर पर यह अपेक्षा रखते हैं कि एक वर्ष में ही उन्हें मुनाफा मिलने लगे लेकिन चिकित्सा प्रमाणन के साथ गहन लैब रिसर्च लगती है, क्लीनिकल ट्रायल होते हैं और स्वास्थ्य अधिकारियों की मंजूरी में कई वर्ष लग जाते हैं.
आखिरी उपाय को तौर पर, कई आविष्कारक अपने उत्पाद को अलग तरीके से ब्रांडिंग करते हैं- जैसे कि सेक्स या वेलनेस टॉय. थर्मल अंडरवियर को आरामदायक वस्तुओं की में शुमार कर बाजार में उतारा जा रहा है. और, लाबरित की सिलिकॉन रिंग को थियोरीम डॉट कॉम नाम की वेबसाइट पर 'सीधे यूरेनस से आई सजावटी वस्तु' के तौर पर बेचा जा रहा है.
इंसानों पर हुए परीक्षण से इस बात का आकलन जरूर किया जाना चाहिए कि हर उत्पाद व्यक्तिगत तौर पर सुरक्षित है या नहीं. लेकिन, दशकों तक रिसर्च यही कहती है कि ऐसा हो सकता है. उदाहरण के तौर पर, तीन अलग-अलग अध्ययनों ने यह जांच की कि अंडकोष पर एक दिन में 15 घंटे तक तापमान को एक से दो डिग्री सेल्सियस (33 से 35 डिग्री फारेनहाइट) तक बढ़ाने से शुक्राणु उत्पादन पर असर पड़ेगा या नहीं. इनमें शामिल कपल्स (जोड़े) बर्थ कंट्रोल के लिए केवल थर्मल गर्भनिरोधक पर ही निर्भर रहे. कुल मिलाकर 500 से अधिक पीरियड साइकिलों के दौरान केवल इस तरीके से गर्भधारण नहीं हुआ.
क्या बड़ी फार्मा कंपनियां उत्पाद को सामने आने से रोक रही है?
उद्योग जगत में एक मजाक चलता है कि पुरुष गर्भनिरोधक पिछले 50 सालों से हमेशा 10 साल दूर बताए जाते हैं. मेल कॉन्ट्रासेप्टिव इनिशिएटिव (एमसीआई) के मुख्य शोध अधिकारी लोगन निकेल्स के अनुसार, किसी उत्पाद के बाजार में आने के लिए बड़ी फार्मा कंपनियों की मदद चाहिए होता है. लेकिन उत्पाद को सामने लेकर आने के बजाय फार्मा कंपनियां स्टार्टअप को जोखिम लेने के लिए छोड़ देती हैं.
लगभग एक दशक पहले एक बड़ा बदलाव सामने आया था. दिग्गज जर्मन फार्मास्यूटिकल कंपनी बायर ने इंसानों पर पुरुष गर्भनिरोधक का परीक्षण किया था, और यह 'कम साइड इफेक्ट्स के साथ प्रभावी' पाया गया था.
भारत में पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन का सफल परीक्षण
सफलता मिलने के बावजूद बायर ने पुरुष प्रजनन नियंत्रण पर सभी शोध रोक दिए. डीडब्ल्यू को दिए गए बयान में बायर ने बताया कि उन्हें शक था कि यह उत्पाद शायद व्यवसायिक तौर पर सफल नहीं होगा. एबवी और फाइजर ने कहा कि वे पुरुष गर्भनिरोधक के व्यापार में नहीं हैं और इसमें निवेश करने के मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. जॉनसन एंड जॉनसन और टेवा जैसी अन्य कंपनियों से डीडब्ल्यू ने बात करने की कोशिश की, लेकिन ये लेख छपने तक उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई थी.
फ्रांका फ्राई एक जर्मन पत्रकार और लेखक हैं. वह कहती हैं, "पुरुष इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि तकनीकी और सामाजिक प्रगति का विरोध करने वाले सिस्टम हैं जिनकी जड़ें गहरी हो चुकी हैं." फ्रांका ने एक किताब लिखी है जिसमें पुरुष-प्रधान शोध और मुनाफा कमाने वाले स्वास्थ्य उद्योगों के लैंगिक बराबरी के मामले में असफल रहने की ओर इशारा किया है.
कैसा दिख रहा है पुरुषों के गर्भनिरोधन का बाजार
ऐसे तरीकों और उत्पादों में पुरुषों की लगातार बढ़ती रुचि यह दिखाती है कि इस बाजार में बदलाव का समय आ चुका है. इसमें केवल उपलब्धता का सवाल नहीं है बल्कि स्वीकार्यता का भी है. संभावित डोमिनो इफेक्ट की बात करते हुए एमसीआई के निकेल्स कहते हैं, "कई बार केवल एक ही उत्पाद से आगे के रास्ते निकल आते हैं." उनका मानना है कि पुरुषों को दूसरे भरोसेमंद पुरुषों के साथ बात करनी होगी और ये समझना होगा कि यह उत्पाद उनके लिए सही है या नहीं.
वैश्विक गर्भनिरोधक बाजार के 2030 तक, 44 अरब डॉलर लगभग 40 अरब यूरो तक पहुंचने का अनुमान है. इसमें कई देश निवेश कर रहे हैं. अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में भी कई गैर लाभकारी संगठन और शैक्षणिक संस्थान इसके लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग कर रहे हैं.
पेरिस में गर्भनिरोधक अधिकारों पर हाल ही में आयोजित हुए कार्यक्रम में प्रतिभागी इस मसले और इसके भविष्य को लेकर आशावादी थे. पुरुष गर्भनिरोधक सशक्तिकरण का प्रतिनिधित्व करता है. यह सिर्फ यौन या आर्थिक आजादी के बारे में नहीं है बल्कि यह उन अरबों लोगों के जीवन को आकार देने और उनके परिवार नियोजन की क्षमता के बारे में भी है.
*पुरुष: लेख में पुरुष का मतलब उन सभी लोगों से है जिनके शरीर में नर प्रजनन तंत्र है.