अहमदाबाद, 29 सितंबर: गुजरात पुलिस ने पांच अक्टूबर से यहां नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में शुरू हो रहे क्रिकेट विश्व कप को ‘‘विश्व आतंक कप’’ में बदलने की धमकी देने के लिए प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यह भी पढ़ें: Khalistani Threat For World Cup: 5 अक्टूबर को भारत में वर्ल्ड कप नहीं विश्व आतंक कप की होगी शुरूआत, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी धमकी
अहमदाबाद पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने प्राथमिकी में कहा कि पन्नून ने किसी विदेशी नंबर से पहले से रिकॉर्ड किए संदेश के जरिए देश के लोगों को धमकी दी. साइबर अपराध शाखा के सब-इंस्पेक्टर एच एन प्रजापति द्वारा दर्ज करायी शिकायत में कहा गया है कि यह उनके संज्ञान में आया है कि कई लोगों को एक फोन नंबर से पहले से रिकॉर्ड धमकी भरा संदेश मिला है.
प्राथमिकी में कहा गया है कि जिन-जिन लोगों को यह संदेश मिला है उनमें से कई ने विभिन्न माध्यमों के जरिए पुलिस को इसकी शिकायत की है. पहले से रिकॉर्ड संदेश में कहा गया है कि पांच अक्टूबर को क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत नहीं होगी बल्कि यह ‘‘विश्व आतंक कप’’ की शुरुआत होगी. इसमें धमकी दी गयी है कि सिख्स फॉर जस्टिस खालिस्तानी झंडों के साथ अहमदाबाद में धावा बोलने जा रहा है.
प्राथमिकी में संदेश के हवाले से कहा गया है, ‘‘हम शहीद निज्जर की हत्या का बदला लेंगे. हम आपकी गोलियों का जवाब मतपत्रों से देंगे। हम आपकी हिंसा का जवाब वोट से देंगे. पांच अक्टूबर याद रखिएगा, यह क्रिकेट विश्व कप नहीं बल्कि विश्व आतंक कप की शुरुआती होगी...गुरपतवंत सिंह पन्नून की ओर से संदेश.’’
प्राथमिकी के अनुसार, ‘‘गुरपतवंत सिंह पन्नून को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है और वह विदेश से सिख्स फॉर जस्टिस नामक संगठन चला रहा है.’’ प्राथमिकी में कहा गया है कि पन्नून सिखों और देश के अन्य समुदायों के बीच डर एवं शत्रुता पैदा करने की कोशिश कर रहा है और वह देश में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है. पहले भी वह खासतौर से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर ऐसी कुख्यात गतिविधियों में शामिल रहा है.
क्रिकेट विश्व कप पांच अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में शुरू होगा. पन्नून ने कनाडा में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक गतिरोध के बाद यह धमकी भरा संदेश दिया है.
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