
नयी दिल्ली, पांच जून केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि उनका प्रयास है कि चालू वित्त वर्ष में देश में सड़क दुर्घटनाओं और उसके कारण होने वाले मृत्यु के आंकड़ों में कम से कम 25 प्रतिशत की कमी लाई जा सके।
सरकारी आंकड़े के अनुसार देश में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के राजमार्गों पर लोगों और पशुधन की मौत’ विषय पर राष्ट्रीय जागरूकता अभियान की ‘वीडियो कांफ्रेन्सिंग’ के जरिये शुरुआत करते हुए मंत्री ने कहा कि देश भर में चिह्नित किये गये करीब 5,000 दुर्घटना वाले स्थानों को ठीक करने के लिये कदम उठाये गये हैं।
उन्होंने सड़कों पर होने वाली दुघर्टनाओं में जान-माल के नुकसान में कमी लाने या उसे समाप्त करने के लिये जागरूकता और शिक्षा की जरूरत पर बल दिया।
गडकरी ने कहा, ‘‘देश में हर साल में पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें करीब 1.5 लाख लोगों को जीवन से हाथ धोना होता है। हमारा प्रयास है कि 31 मार्च, 2020 तक इसमें 20 से 25 प्रतिशत तक की कमी लाई जाए।’’
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 5,000 ऐसे स्थानों को चिह्नित किया है जो दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील हैं। इन्हें स्थायी या अस्थायी तौर पर ठीक करने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं।
मंत्रालय के अनुसार इन जगहों को ठीक करने के संदर्भ में मानक परिचालन प्रकिया जारी की जा चुकी है। मंत्रालय के अनुसार अबतक 1,739 मामलों में अस्थायी उपाय तथा 840 मामलों में स्थायी उपाय किये जा चुके हैं।
गडकरी ने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय सड़कों पर पशुधन के जीवन की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि आचार नीति, अर्थव्यवस्था और पारिस्थिति देश के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने सभी एजेंसियों से देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी ‘वन्यजीवों पर सड़क, पाइपलाइन, पावरलाइन जैसी ढांचागत सुविधाओं के प्रभाव को कम करने के पर्यावरण अनुकूल उपाय’ शीर्षक से जारी नियमावली के प्रावधानों का अनुपालन करने का आग्रह किया है।
उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और सामाजिक संगठनों से सड़कों पर उस जगहों को चिह्नित करने को कहा है जो जानवरों के लिहाज से खतरनाक हैं और उसके बारे में मंत्रालय को सूचित करने को कहा है ताकि जरूरी सुधारात्मक कदम उठाये जा सकें।
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