Gati Cyclone Next After Nisarga: ‘निसर्ग’ के बाद आने वाले अगले चक्रवाती तूफान का नाम होगा ‘गति’, ऐसे मिला यह नाम
चक्रवात I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

Gati Cyclone Next After Nisarga: पश्चिम बांगाल और ओडिशा में चक्रवाती तूफान 'अम्फान' के कहर बरपाने के करीब एक हफ्ते बाद देश के पश्चिमी तट पर आज (3 जून) समुद्री तूफान निसर्ग ने दस्तक दी. हालांकि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 129 साल बाद आए चक्रवात का खतरा टल गया है. महाराष्ट्र और गुजरात के लिए अरब सागर से संकट बनकर आए चक्रवात का ‘निसर्ग’ नाम बांग्लादेश द्वारा सुझाया गया था. जिसका अर्थ प्रकृति होता है. इसके बाद अब आने वाले अगले चक्रवात का नाम ‘गति’ होगा, यह नाम भारत द्वारा दिया गया है.

देशों के समूह द्वारा तैयार की गई चक्रवाती तूफानों की नामों को सूची में भारत द्वारा सुझाया गया ‘गति’ नाम जोड़ा गया है. जिसका मतलब वेग व चाल होता है. बांग्लादेश द्वारा सुझाया हुआ 'फणि' नाम का चक्रवात तीन मई 2019 को ओडिशा में आया था. जिसने भारी तबाही मचाई थी. Cyclone Nisarga: रायगढ़ में दिखा चक्रवात निसर्ग का तांडव, तेज हवा से बिल्डिंग के छत की टीन उड़ी

हिंद महासागर में चक्रवातों के नामकरण की शुरुआत 2000 में हुई और 2004 में एक फार्मूले पर सहमति बनी. गति के बाद आने वाले अगले कुछ चक्रवातों के नाम ईरान द्वारा दिया गया ‘निवार’, मालदीव द्वारा दिया गया ‘बुरेवी’, म्यांमार द्वारा दिया गया तौकते और ओमान द्वारा दिया गया ‘यास’ नाम होगा.

उल्लेखनीय है कि उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम वैज्ञानिक समुदाय और आपदा प्रबंधकों को चक्रवातों की पहचान करने, जागरूकता पैदा करने और प्रभावी ढंग से चेतावनी जारी करने में मदद के लिए दिया जाता है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन और एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग, 2000 में आयोजित अपने 27वें सत्र में, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण पर सहमत हुए थे.

भारत के अलावा बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यमन इस पैनल का हिस्सा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को एक मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी सहित उत्तर हिंद महासागर में विकसित होने वाले चक्रवातों के नाम देना अनिवार्य कर दिया गया है.

दुनिया भर के चक्रवातों के नाम क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों (आरएसएमसी) और उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों (टीसीडब्ल्यूसी) द्वारा दिया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग सहित कुल छह आरएसएमसी और पांच टीसीडब्ल्यूसी हैं.

13 देशों के सुझावों के आधार पर अप्रैल 2020 में चक्रवात के 160 नामों की लिस्ट जारी की गई. बता दें कि केवल उन्ही नामों को चुना जाता है जो लिंग, राजनीति, धर्म और संस्कृति के प्रति निष्पक्ष हो, भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाते हो, आक्रामक नहीं हो, छोटा हो साथ ही उच्चारण करने में आसान होना जरुरी होता है. (एजेंसी इनपुट के साथ)