Uttarakhand: जनसंख्या में तेज वृद्धि के चलते हो रहा है जनसांख्यिकीय परिवर्तन, उत्तराखंड सरकार की चेतावनी
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

देहरादून, 25 सितंबर : उत्तराखंड सरकार (Government of Uttarakhand) ने कहा है कि जनसंख्या में तेज वृद्धि से राज्य के कुछ क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उन स्थानों से कई समुदायों का पलायन हो रहा है, साथ ही सांप्रदायिक शांति के लिए खतरा भी उत्पन्न हो रहा है. सरकार ने शुक्रवार को यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में इस घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को समस्या के समाधान के लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिये. विज्ञप्ति में कहा गया है, सरकार ने अधिकारियों से सभी जिलों में समितियों का गठन करने को कहा जो इस मुद्दे के समाधान के लिए प्रशासन को सुझाव देंगी. इसके अलावा, शांति समितियों का भी गठन किया जाना चाहिए और स्थिति की समीक्षा के लिए समय-समय पर उनकी बैठकें आयोजित की जानी चाहिए.

सभी जिलों में ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जानी चाहिए और वहां रहने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के बाहर से आने वाले और इन क्षेत्रों में रहने वाले आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों की सूची भी उनके मूल निवास स्थान का सत्यापन करने के बाद तैयार की जानी चाहिए. जिलाधिकारियों (डीएम) को ऐसे क्षेत्रों में अवैध भूमि सौदों पर नजर रखने और यह देखने के लिए कहा गया है कि लोग डर या दबाव में अपनी जमीन न बेचें. जाली पहचानपत्र या मतदाता पहचानपत्र प्राप्त करने वाले विदेशी मूल के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. यह भी पढ़ें : PM Narendra Modi के नेतृत्व में बदल रही है भारत की तस्वीर – भाजपा अध्यक्ष J P Nadda

विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार किया जाना चाहिए और कानूनी प्रावधानों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. ये निर्देश भाजपा नेता अजेंद्र अजय द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हाल ही में लिखे गए एक पत्र के बाद आये हैं जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि एक विशेष समुदाय के लोग न केवल अपने उपासना स्थल बना रहे हैं, बल्कि कुछ क्षेत्रों में थोक में जमीन भी खरीद रहे हैं जिससे राज्य के मूल निवासियों का पलायन हो रहा है. भाजपा नेता द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद गृह विभाग को मामले को देखने के लिए कहा गया था.