Census Start From 2025: कोरोना महामारी के कारण चार साल की देरी के बाद अब जनगणना 2025 से शुरू होगी, जो 2026 तक चलेगी. पहले यह जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक, इस बार जनगणना प्रक्रिया में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. जनगणना हर 10 साल में एक बार आयोजित की जाती है, लेकिन अब इसकी समय सीमा में भी बदलाव किया जाएगा. जहां पहले यह प्रक्रिया दशक की शुरुआत में होती थी, अब अगली जनगणना 2035 में होगी.
इस देरी का असर लोकसभा सीटों के परिसीमन पर भी पड़ेगा. जनगणना पूरी होने के बाद ही लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है.
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परिसीमन के तहत यह तय किया जाएगा कि किस क्षेत्र में कितनी सीटें होंगी, जिससे लोकसभा की सीटों का सही प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके. इस खबर के सामने आते ही जातिगत जनगणना की मांग भी जोर पकड़ रही है. कई विपक्षी दल इस पर जोर दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने इस पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है.
हालांकि, यह संभावना जताई जा रही है कि इस बार जनगणना में धर्म और वर्ग के साथ-साथ लोगों से उनके द्वारा अनुसरण किए जाने वाले पंथ के बारे में भी जानकारी ली जा सकती है.
यह जनगणना देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके आधार पर देश की विभिन्न नीतियों और योजनाओं का निर्माण किया जाएगा. जनगणना से देश की सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय तस्वीर का आकलन होता है, जो सरकार को बेहतर योजना बनाने और कार्यान्वयन में मदद करता है.