जरुरी जानकारी | सीआईआई ने राजकोषीय घाटा बढ़ने को लेकर आगाह किया

नयी दिल्ली, चार जून भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की मांग के बीच आगाह किया है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोकने के उपाय करने चाहिए।

सीआईआई ने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ने से देश की रेटिंग घट सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को अन्य परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं।

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रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने इसी सप्ताह भारत की सॉवरेन रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया है।

सीआईआई ने 2020-21 के अपने एजेंडा दस्तावेज में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का कोई अनुमान नहीं लगाया है। कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता के मद्देनजर उद्योग मंडल ने वृद्धि दर के बारे में अनुमान नहीं लगाया है।

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सीआईआई ने कहा कि अर्थशास्त्री इस बात को लेकर एकमत हैं कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी।अब सवाल है कि यह गिरावट कितनी ज्यादा होगी। भारतीय रिजर्व बैंक का भी अनुमान है कि 2020-21 में वृद्धि दर में गिरावट आएगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट के अनुमान के बीच कई एजेंसियों ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है।

सीआईआई ने कहा कि पिछले कुछ साल से सरकार के खर्च से अर्थव्यवस्था को समर्थन मिल रहा है। उद्योग मंडल ने कहा कि अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार के लिए सरकार का खर्च का महत्वपूर्ण होता है।

उद्योग मंडल ने कहा कि राजकोषीय घाटा और सरकार का कर्ज बढ़ने से अर्थव्यवस्था के समक्ष रेटिंग घटने का जोखिम रहता है, जिसके अपने परिणाम होते है। मूडीज ने हाल में भारत की रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 किया है।

सीआईआई ने कहा, ‘‘यदि रेटिंग और घटती है तो भारत से पूंजी निकलने लगेगी और देश की मुद्रा कमजोर होगी।’’

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