देश की खबरें | सीबीआई की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित - बघेल

रायपुर, 26 मार्च कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को अपने परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी को राजनीति से प्रेरित करार दिया और कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 30 मार्च को राज्य के निर्धारित दौरे के दौरान उनके भाषण के लिए सामग्री बनाने के लिए की गई है।

बघेल ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके भिलाई आवास से उनकी संपत्ति के कागजात और उनके मोबाइल फोन ले लिए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने बुधवार को कथित 6,000 करोड़ रुपये के महादेव ऐप घोटाले के सिलसिले में बघेल के आवास पर तलाशी ली।

उन्होंने बताया कि एजेंसी की टीमों ने रायपुर और भिलाई में बघेल के आवासों के साथ-साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगियों के घरों पर भी छापेमारी की।

सूत्रों ने बताया कि छापेमारी में दुर्ग जिले के भिलाई शहर में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, बघेल के पूर्व राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, आईपीएस अधिकारी आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख और प्रशांत अग्रवाल, राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी संजय ध्रुव सहित अन्य के परिसरों पर छापेमारी की गई।

राज्य के दुर्ग जिले के भिलाई शहर में अपने आवास पर सीबीआई द्वारा कार्रवाई पूरी करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए बघेल ने कहा, ''छापेमारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। 30 मार्च को प्रधानमंत्री आने वाले हैं, उनके भाषण के कंटेंट बनाने के लिए यह छापा डाला गया है। इसके अलावा और कोई कारण नहीं है।''

बघेल ने दावा किया कि सीबीआई के पास भिलाई में उनके आवास का तलाशी वारंट था, लेकिन एजेंसी ने उन्हें रायपुर में उनके आधिकारिक आवास पर छापेमारी के बारे में नहीं बताया।

उन्होंने कहा, ''रायपुर स्थित सरकारी आवास पर छापेमारी की मुझे कोई सूचना नहीं मिली। घर से बाहर आने के बाद मुझे वहां छापेमारी के बारे में पता चला। उन्होंने वहां जो कुछ भी प्लांट किया था, उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं, क्योंकि न तो मैं वहां था और न ही कोई परिवार का सदस्य। यह उनकी साजिश है।''

बघेल ने कहा, ''पिछली कांग्रेस सरकार ने महादेव बेटिंग ऐप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। राज्य में (पिछली) कांग्रेस सरकार के दौरान, महादेव बेटिंग ऐप के संबंध में लगभग 74 एफआईआर दर्ज की गईं और 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और इससे संबंधित 2000 से अधिक बैंक खाते फ्रीज किए गए।’’

उन्होंने कहा, ''तब कांग्रेस सरकार ने केंद्र से ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने और उन्हें विदेश से गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था। लेकिन (धार्मिक गुरु) प्रदीप मिश्रा जो भाजपा की प्रशंसा करते हैं, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के मेहमान बनकर दुबई गए। मैं सीबीआई अधिकारियों से पूछता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है, तो उन्हें प्रदीप मिश्रा से पूछना चाहिए, जिनका कार्यक्रम वर्तमान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले जशपुर जिले में चल रहा है, सौरभ चंद्राकर और प्रदीप मिश्रा के साथ उनके संबंधों के बारे में।''

बघेल ने कहा, ''महादेव ऐप के प्रमोटरों के पास भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें हैं, लेकिन उनसे पूछताछ नहीं की जा रही है, बल्कि हमारे (कांग्रेस) खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।''

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''आज मुझे अगले महीने अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए दिल्ली में 'ड्राफ्टिंग कमेटी' की बैठक में शामिल होना था, लेकिन मैं वहां नहीं जा सका। सीबीआई सुबह करीब 7.30 बजे मेरे घर में घुसी और शाम करीब 4.15 बजे तलाशी खत्म होने के बावजूद करीब 9.15 बजे गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘15 दिन पहले ईडी ने मेरे घर पर छापा मारा था। उन्हें (सीबीआई) फिर से छापेमारी में क्या मिलेगा। ईडी ने हमारी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों की फोटोकॉपी ली थी। सीबीआई ने संपत्तियों के मूल कागजात ले लिए।’’

बघेल ने कहा, ‘‘मैंने सीबीआई से कहा कि फोटोकॉपी छोड़ दें क्योंकि उनके बाद आईटी और ईओडब्ल्यू आएंगे और कार्रवाई के नाम पर वे क्या बरामद करेंगे। ईडी का छापा कथित शराब घोटाले से जुड़ा था और सीबीआई की कार्रवाई महादेव ऐप से जुड़ी थी, लेकिन दोनों ने मेरी संपत्ति की जांच की।''

उन्होंने कहा कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य मुझे बदनाम करना और परेशान करना है।

बघेल ने कहा कि वे (भाजपा) पंजाब के पार्टी प्रभारी बनने के बाद और हाल ही में अदालत ने उन्हें सात साल पुराने सीडी मामले में बरी कर दिया है को लेकर हताश हैं।

इससे पहले दिन में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस को अपने नेता भूपेश बघेल और अन्य के परिसरों पर सीबीआई की तलाशी को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए।

साव ने कहा कि राज्य में पिछली बघेल के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान "कई बड़े घोटाले" हुए, जिनकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है।

उपमुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि जांच की इस श्रृंखला में सीबीआई ने बुधवार को राजनेताओं, आईपीएस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के ठिकानों सहित करीब 50 ठिकानों पर छापेमारी की।

साव ने कहा, "सीबीआई की कार्रवाई जांच की सतत प्रक्रिया का हिस्सा है। यह जांच किसी एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द नहीं है, क्योंकि इसके दायरे में अधिकारी भी आ रहे हैं। इस कार्रवाई को राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है। कांग्रेस हमेशा ऐसी कार्रवाई को राजनीति से जोड़ती है। जब ये घोटाले हुए, तब मुख्यमंत्री कौन था?"

उन्होंने कहा, "यह उनके (कांग्रेस) कार्यकाल में हुआ। उन्हें जांच एजेंसियों के साथ जांच में सहयोग करना चाहिए और डरने की कोई जरूरत नहीं है। ये स्वतंत्र एजेंसियां हैं और ये राजनीति के आधार पर काम नहीं करती हैं।"

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने दावा किया कि भाजपा ने "विफल छापेमारी और विफल साजिशों" के बाद बघेल और यादव के पीछे सीबीआई भेजी।

उन्होंने आरोप लगाया, ''तमाम असफल छापों और नाकाम साजिशों के बाद, अब भाजपा ने सीबीआई को भूपेश बघेल जी और देवेंद्र यादव जी के पीछे लगा दिया। आज सुबह से ही सीबीआई हमारे दोनों नेताओं के घर पर जमी हुई है, लेकिन ये सत्ता की हताशा के सिवाय कुछ नहीं। लेकिन याद रखो — न कांग्रेस झुकेगी, न कांग्रेस रुकेगी। ये लड़ाई सिर्फ नेताओं की नहीं, हर उस सच्चाई की है जिसे सत्ता के दम पर कुचलने की कोशिश हो रही है। भाजपा याद रखे — सत्य झुकता नहीं, और अन्याय का अंत निश्चित है...।''

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कार्रवाई की निंदा की और कहा कि केंद्रीय एजेंसियां बघेल को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं।

सिंहदेव ने कहा है, "बार-बार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को एजेंसियों द्वारा परेशान करना बेहद निंदनीय है। ये केवल भूपेश जी छवि को खराब करने की भाजपा की नाकाम कोशिश है। प्रदेश की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को चलाने में असमर्थ साबित हो रही है, इसीलिए जनता से जुड़े मुद्दों से का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे प्रयास कर रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले ईडी फिर सीबीआई- जांच एजेंसियों को भाजपा की बी टीम बन कर काम करने से फुर्सत ही नहीं है। अभी हाल में ईडी द्वारा विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई को रिपोर्ट खुद सरकार को जब दिखानी पड़ी तो निश्चित हो गया कि यह केवल धमकाने और परेशान करने का हथियार बना हुआ है। भाजपा द्वारा राजनीतिक द्वेष की भावना से की जा रही यह कार्रवाई लोकतंत्र का हनन है।''

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