Sex For Grades: मोरक्को यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर लगा ‘सेक्स फॉर ग्रेड’ का आरोप, यौन उत्पीड़न मामले में मिली ये सजा
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

Sex For Grades: मोरक्को की एक अदालत (Moroccan Court) ने यौन शोषण (Sexual Harassment) के आरोप में एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को दो साल की जेल की सजा सुनाई है. कैसाब्लांका (Casablanca) से लगभग एक घंटे की ड्राइव पर सेट्टाट (Settat) शहर में बुधवार को कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. जो मोरक्को के विश्वविद्यालयों में यौन उत्पीड़न के खिलाफ चलाए गए एक आंदोलन के रूप में इस महीने किए जाने वाले फैसलों की एक श्रृंखला में पहला निशान है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, सेट्टाट में हसन I विश्वविद्यालय (Hassan I University in Settat) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर को अश्लील हमले, यौन उत्पीड़न और हिंसा का दोषी पाया गया था.

मोरक्को के टीवी चैनल 2M के मुताबिक, उत्तरी अफ्रीकी देश में ‘सेक्स-फॉर-ग्रेड’ घोटाले में आरोपित चार अन्य प्रोफेसरों को 24 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी. मोरक्को वर्ल्ड न्यूज के अनुसार, सितंबर में आरोपी प्रोफेसरों और छात्रों के बीच लीक हुई बातचीत के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अभियोग चलाया गया. प्रोफेसरों ने कथित तौर पर ‘अच्छे ग्रेड’ के बदले में यौन संबंधों की मांग की.

इस घोटाले ने नवंबर में इस्तीफा देने के लिए सेट्टाट में विश्वविद्यालय में लॉ एंड इकोनॉमिक्स फैकल्टी के डीन का नेतृत्व किया. तब से, देश भर के छात्र प्रोफेसरों पर इसी तरह के प्रस्ताव रखने का आरोप लगाते हुए सामने आए हैं. मोरक्को वर्ल्ड न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर-पूर्वी शहर औजदा में, एक पूर्व छात्रा ने कहा कि नेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट के एक प्रोफेसर ने उसे ‘ओरल-सेक्स सेशन’ नहीं देने पर उसके शैक्षणिक करियर को बर्बाद करने की धमकी दी थी. जनता के हंगामे के बीच सरकार ने पिछले महीने एक जांच शुरू की थी. यह भी पढ़ें: Sex With Student: हाई स्कूल के कर्मचारी ने कथित तौर पर स्टूडेंट्स के साथ किया सेक्स, पोल खुली तो हुई ये कार्रवाई

रूढ़िवादी देश के लिए बुधवार को कोर्ट द्वारा सुनाया गया फैसला दुर्लभ था. उत्पीड़न के लिए प्रोफेसरों के खिलाफ आपराधिक जांच और मुकदमा चलाने से यह संकेत मिलता है कि देश यौन उत्पीड़न को अधिक गंभीरता से ले रहा है. पिछले हफ्ते मोरक्को के मीडिया आउटलेट याबिलादी (Yabiladi) को दिए एक बयान में देश की राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद ने अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की और  अपराधीकरण, मानहानि और उनके खिलाफ हमलों के संभावित परिणामों के बावजूद आगे आने के लिए पीड़ितों की सराहना की.

गौरतलब है कि 2018 में लागू एक कानून ने अपराधियों को यौन उत्पीड़न और शोषण के लिए जेल की सजा देना संभव बना दिया. यौन उत्पीड़न की सजा एक से दो साल की जेल है. इस मामले में महिला अधिकार अधिवक्ताओं ने सख्त दंड की मांग की है.