श्रीलंका में नए प्रधानमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति में देरी की संभावना, गोटाबाया राजपक्षे बनें राष्ट्रपति
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Photo Credits: IANS)

श्रीलंका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaks), मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) के बीच एक शीर्ष स्तर की बैठक लंबित होने की वजह से नए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल की नियुक्ति में देरी होने की संभावना है. डेली फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, संसद को तत्काल भंग किए जाने के लिए यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (United People's Freedom Alliance) को समर्थन देने या फरवरी 2020 के अंत तक विपक्ष में बने रहने को लेकर मिलेजुले विचारों के बीच सोमवार को यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की संसदीय समूह की बैठक में संभावित रूप से आगे की चर्चा हुई.

जहां प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा है कि वह एक उत्तराधिकारी और एक नई सरकार की नियुक्त की अनुमति देने के लिए पद छोड़ने के इच्छुक हैं. वहीं इसे लेकर अलग-अलग विचार हैं कि जल्द ही आम चुनाव कराने का समर्थन करें या फरवरी के अंत तक विपक्ष में बैठें, जब संसद को भंग करने के लिए राष्ट्रपति संवैधानिक रूप से सशक्त होंगे.

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सूत्रों ने कहा है कि यह संभावना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में संसद को भंग कर दिया जाएगा, और संसदीय चुनाव होने तक चुनावी कानूनों के अनुसार एक कार्यवाहक मंत्रिमंडल की नियुक्ति की जाएगी. इस मामले में, कार्यवाहक मंत्रिमंडल की अध्यक्षता अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में महिंदा राजपक्षे करेंगे.

यूएनपी के पूर्व उप-नेता और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार साजित प्रेमदासा के वफादार नौ मंत्री पहले ही 16 नवंबर को हुए चुनाव में साजित की हार के बाद इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन विक्रमसिंघे के कई समर्थक अभी भी पद पर बने हुए हैं. डेली फाइनेंशियल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से कहा कि विक्रमसिंघे इस मामले पर अंतिम निर्णय लेने के लिए मंगलवार को यूएनएफ के घटक दल के नेताओं के साथ एक और बैठक करेंगे.