Mosquito Control Programme: AI की मदद से मच्छरों की संख्या, प्रजाति और फैलाव की रखी जाएगी निगरानी, ड्रोन से होगा छिड़काव, आंध्र प्रदेश सरकार SMoSS प्रोजेक्ट करेगी शुरू
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Mosquito Control Programme: आंध्र प्रदेश की सरकार मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों पर लगाम लगाने के लिए अब एआई का इस्तेमाल करनेवाली है. राज्य में SMoSS नाम का एक प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है. जिससे मच्छरों की संख्या, प्रजाति और फैलाव की निगरानी की जाएगी. ये प्रोजेक्ट राज्य के 6 शहरों में शुरू किया जाएगा.विशाखापत्तनम,विजयवाड़ा,काकीनाड़ा,राजमहेंद्रवरम ,नेल्लोर,कुर्नूल शामिल है.यहां AI-चालित सेंसर और ड्रोन की मदद से मच्छरों की पहचान और संख्या की निगरानी की जाएगी.

टीडीपी की ओर से सोमवार को जारी प्रेस रिलीज के के मुताबिक़ नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग (MAUD) AI-संचालित सेंसर और ड्रोन का उपयोग करेगा जो मच्छरों की प्रजाति, संख्या और लिंग की पहचान कर सकेंगे.ये भी पढ़े:Andhra Pradesh: अब 99 रुपये में मिलेगी किसी भी ब्रांड की शराब! चंद्रबाबू नायडू सरकार ने लिया बड़ा फैसला

6 शहरों में लागू होगा प्रोजेक्ट

विशाखापत्तनम – 16 स्थान

विजयवाड़ा – 28 स्थान

काकीनाड़ा – 4 स्थान

राजमहेंद्रवरम – 5 स्थान

नेल्लोर – 7 स्थान

कुर्नूल – 6 स्थान

यहां AI-चालित सेंसर और ड्रोन की मदद से मच्छरों की पहचान और संख्या की निगरानी की जाएगी.

IoT सेंसर देंगे मौसम और मच्छरों की रीयल-टाइम जानकारी

Internet of Things (IoT) सेंसर के ज़रिए ह्यूमिडिटी, तापमान और मच्छरों की आबादी की रीयल-टाइम जानकारी प्राप्त होगी. इससे मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में किया जाएगा जहां ज़रूरत है, जिससे अनावश्यक छिड़काव से बचा जा सकेगा.

ड्रोन से होगी छिड़काव प्रक्रिया तेज और प्रभावी

मच्छर मारने के लिए छिड़काव अब ड्रोन के ज़रिए किया जाएगा.इससे छिड़काव में लगने वाला समय, रसायनों की खपत और खर्च तीनों में कमी आएगी. इसके अलावा एक केंद्रीय डैशबोर्ड के ज़रिए फील्ड गतिविधियों की निगरानी और आपातकालीन स्थितियों में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

प्रदर्शन के आधार पर होगा भुगतान

MAUD विभाग के प्रमुख सचिव एस. सुरेश कुमार और निदेशक पी. संपत कुमार ने बताया कि विशेषीकृत एजेंसियां इस कार्य को अंजाम देंगी और उनका भुगतान प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा. नागरिकों की शिकायतें अब Vector Control और Puramitra ऐप के माध्यम से ट्रैक की जाएंगी.

हॉस्पिटल भेजेंगे रोज़ाना रिपोर्ट

डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे रोगों की पहचान के लिए हॉस्पिटलों से रोजाना रिपोर्ट मंगाई जाएगी.इन रिपोर्ट्स के आधार पर फॉगिंग और लार्वा नियंत्रण को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि बीमारियों को फैलने से पहले ही रोका जा सके.