अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी समय से चला आ रहा था. लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि मामला इतना बिगड़ जाएगा कि युद्ध जैसा माहौल बन जाएगा. पूरी दुनिया की नजर बुधवार सुबह से बस अमेरिका और ईरान पर टिक गई हैं. दोनों देशों से आने वाले बयानों पर सभी पैनी नजर बनी हुई हैं. एक तरफ अमेरिका ने जहां जनरल कासिम सुलेमानी को मिसाइल हमले में मार डाला. वहीं ईरान ने एक साथ 22 बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला कर इराक में अमेरिकी एयरबेस पर तैनात 80 सैनिकों को मारकर बदला ले लिया. इसी के साथ ईरान ने स्पष्ट कर दिया है कि वो अमेरिका से दो-दो हाथ करने को तैयार है. वहीं इस पलटवार के बाद अमेरिका दूसरे दिन जवाब देने की बात कह अपनी रणनीति में जुट गया है. अगर दोनों देश के बीच तनाव कम नहीं और मामला बिगड़ा तो इसका परिणाम बेहद घातक हो सकता है.
ईरान और अमेरिका में तनाव के बीच कई बुधवार की सुबह तीन घटनाएं हुए. सबसे पहले ईरान ने इराक में बने अमेरिकन सैनिकों के एयरबेस पर बड़ा हमला किया. ईरान के इस हमले का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने एक-एक कर के कुल 22 मिसाइलें दाग दी. इस हमले के बाद ईरान ने दावा कि उसने 80 अमेरिकी सैनिकों को मार गिराया. लेकिन अमेरिका उसके इस दावे का खंडन कर दिया.
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दूसरी घटना, यूक्रेन का बोइंग 737, जिस पर करीब 170 लोग सवार थे, वह बुधवार को ईरान की राजधानी तेहरान से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान के रडार से जानकारी मिली कि विमान सुबह 6 बजे के बाद अचानक गायब हो गया था. जिसके साथ ही ईरान में दोबारा हलचल और तेज हो गई. क्योंकि यह घटना उसी समय के करीब हुआ जब ईरान ने मिसाइलों से हमला किया था. वैसे खबरों के मुताबिक इसे तकनीकी खराबी माना जा रहा है. यह ही पढ़ें:- Iran Attacks: ईरानः यूक्रेनी जेटलाइनर में सवार सभी 170 लोगों की मौत, तेहरान से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद हुआ क्रैश.
तीसरी घटना, ईरान में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर पहला झटका 5.5 का था जबकि दूसरा झटका 4.9 का आया. ये न्यूक्लियर पावर प्लांट के पास भूकंप के झटके के बाद कई सवाल खड़े होने लगे. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलमानी मारे गए थे, जिसके बाद से अमेरिका और ईरान के रिश्तों में तल्खी बढ़ गई है.