रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (FM Lavrov) ने रायसीना डायलॉग 2023 के 8वें संस्करण में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, दिल्लीरूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग पर रूस के पक्ष के बारे में बात की. उन्होंने कहा, 'हर कोई पूछ रहा है कि रूस कब बातचीत के लिए तैयार है' ज़ेलेंस्की से कोई नहीं पूछता कि वह कब बातचीत करने जा रहे हैं' पिछले साल ज़ेलेंस्की ने एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए, जब तक पुतिन मौजूद हैं, तब तक रूस के साथ बातचीत करना आपराधिक अपराध है. क्या कोई जेलेंस्की को पूछेगा कि वह क्या कर रहे हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले का एक वर्ष पूरा, विश्व का मानचित्र बदलने का खतरा, 2023 होगा महत्वपूर्ण.
सर्गेई लावरोव ने कहा, 'क्या आपने कभी अमेरिका या NATO से पूछा कि अफगानिस्तान, इराक में क्या हो रहा है? उनको याद नहीं जब 1999 में सर्बिया में बम गिराए गए थे. जो बाइडेन (अमेरिकी राष्ट्रपति) उस समय एक सीनेटर होने के नाते बता रहे थे कि मैंने इसको बढ़ावा दिया. जब इराक एक राज्य के रूप में बर्बाद हो गया था, कुछ साल बाद टोनी ब्लेयर ने कहा कि यह एक गलती थी.
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#WATCH | Everyone's asking when Russia is ready to negotiate.Nobody asks Zelenskyy when he's going to negotiate. Last yr,Zelenskyy signed a document making it criminal offence to negotiate with Russia as long as Putin is present.Can you ask him what he's doing?: Russian FM Lavrov pic.twitter.com/4pf47GKzUP
— ANI (@ANI) March 3, 2023
रूस के विदेश मंत्री ने आगे कहा, 'हम कभी भी एक दूसरे देश को किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करते. लेकिन यह सब बाहरी ताकतें इंडो-पैसिफिक स्ट्रेटजी, क्वाड के नाम पर कर रही हैं. वह क्वाड को आर्थिक सहयोग के बजाय सैन्य ताकत के लिए कर रही है. रूस हमेशा देशों को साथ में लाने की बात करता रहा है.
उन्होंने कहा, हमारे चीन, भारत के साथ अच्छे संबंध हैं. भारत के साथ संबंधों को दोनों नेताओं द्वारा "विशेष विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" के रूप में हस्ताक्षरित कर आधिकारिक दस्तावेजों में चित्रित किया है. मुझे नहीं पता कि किसी अन्य देश की आधिकारिक तौर पर क्या स्थिति है.
रूस के विदेश मंत्री ने कहा, OSCE (यूरोप में सुरक्षा और सहयोग का संगठन) के 1999 के समिट में दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों द्वारा राजनीतिक घोषणा की गई थी जिसमें कहा गया था कि OSCE के प्रतिभागी सुरक्षा के लिए प्रतिभद्ध हैं. उन्होंने बाद में कहा कि सारे देश अपने हिसाब से गठबंधन करने के लिए स्वायत्त हैं लेकिन ऐसा करते हुए कोई भी देश अपनी सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास करते हुए दूसरे देश के लिए खतरा नहीं होना चाहिए. NATO ने यह सब तोड़ा और हमने इस पर ही प्रश्न उठाया.