दुनिया का सबसे बड़ा मेंढक-प्रोजेक्ट एक ऐप की मदद से आम लोगों के विज्ञान जगत में योगदान की मिसाल बन गया है. ऑस्ट्रेलिया में लोग दस लाख मेंढक गिन चुके हैं.ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक के दिमाग की उपज, फ्रॉगिड (FrogID) नाम के एक ऐप के जरिए देश में दस लाखवां मेंढक गिना जा चुका है. दस लाखवां मेंढक क्वींसलैंड में एक सिटिजन साइंटिस्ट डॉ. इलियट लीच ने खोजा, जो रॉकेट प्रजाति का है.
फ्रॉगिड मेंढक गिनने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है जिसे यूएनएसडब्ल्यू के सिडनी स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल अर्थ एंड इनवायर्नमेंटल साइंस की डॉ. जोडी राउली चला रही हैं. डॉ राउली ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम में सरीसृप और उभयचर यानी धरती और पानी दोनों में रहने वाले जीवों की क्यूरेटर भी हैं.
यूनिवर्सिटी की ओर से जारी एक बयान में डॉ. राउली कहती हैं कि वह देशभर में फैले उन स्वयंसेवकों की शुक्रगुजार हैं जिन्होंने फ्रॉगिड प्रोजेक्ट में अपना योगदान दिया है.
वह कहती हैं, "यह देशभर के नागरिक-वैज्ञानिकों के अविश्वसनीय योगदान की अद्भुत मिसाल है. फ्रॉगिड ने ना सिर्फ मेंढकों के प्रति लोगों का नजरिया बदला है बल्कि इसकी बदौलत समुदायों, स्कूलों और परिवारों को ऑस्ट्रेलिया के इन अनूठे उभयचरों के संरक्षण और अध्ययन में योगदान देने का मौका भी मिला.”
दस लाखवां मेंढक
फ्रॉगिड ऐप पर दस लाखवां मेंढक स्पैल्डिंग्स रॉकेट के रूप में मिला, जिसकी आवाज रिकॉर्ड करके डॉ. लीच ने ऐप पर अपलोड की. डॉ राउली कहती हैं कि इस मेंढक की आवाज ऐसी है जैसी लॉनमाउर और चिकन को मिलाकर बनती है.
वह कहती हैं, "इस आवाज को तो आप भूल ही नहीं सकते. लेकिन इस प्रजाति की क्वींसलैंड में बहुत कम रिकॉर्डिंग हैं. यह सिर्फ तब बोलता है जब उत्तर-पश्चिमी नॉर्दर्न टेरीटरी से लेकर क्वींसलैंड में लिचफील्ड नेशनल पार्क तक में बारिश का मौसम होता है. ईलियट लीच ने जो रिकॉर्डिंग भेजी है, वह उस इलाके से फ्रॉगिड पर पहली रिकॉर्डिंग है. इससे फ्रॉगिड के कुल इलाके में 36.5 फीसदी की वृद्धि हुई है.”
फ्रॉगिड ऐप को डॉ. राउली के साथ ऑस्ट्रेलिया म्यूजियम की डायरेक्टर और सीईओ किम मैके की पहल पर तैयार किया गया है. लोग इस ऐप पर अपने इलाके के मेंढकों की जानकारियां अपलोड कर सकते हैं. फ्रॉगिड को 2017 में शुरू किया गया था.
न्यू साउथ वेल्स के कला और पर्यटन मामलों के मंत्री जॉन ग्राहम कहते हैं कि यह एक बहुत मौलिक आईडिया है जो आम लोगों, ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम और यूएनएसडब्ल्यू को साथ मिलकर काम करने के मौके दे रहा है ताकि मेंढकों की प्रजातियों को संरक्षित किया जा सके.
ग्राहम ने कहा, "फ्रॉगिड ऐप और इसके जरिए जमा हुई दस लाख मेंढकों की जानकारियां इस बात की मिसाल हैं कि तकनीक और साइंस ऑस्ट्रेलिया के लोगों को पर्यावरणसे जुड़ी एक अहम समस्या को हल करने के लिए सशक्त बना सकती है.”
कैसे काम करता है ऐप
फ्रॉगिड को 2017 में शुरू किया गया था. मैके बताती हैं कि अब तक 45 हजार से ज्यादा स्वयंसेवी नागरिक वैज्ञानिकों ने डेटा अपलोड किया है. ऐप जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करता है. लोग जहां किसी मेंढक को देखते हैं वे उसकी आवाज और फोटो ऐप पर अपलोड कर देते हैं और जीपीएस तकनीक उस डेटा की जगह रिकॉर्ड कर लेती है.
ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम रिसर्च इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर क्रिस हेल्गन कहते हैं कि मेंढक ना सिर्फ करिश्माई और रंगीन प्राणी हैं बल्कि एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण भी हैं.
उन्होंने कहा, "मेंढक पर्यावरण में होने वाले बदलावों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं. प्रदूषण, जमीन और पानी के इस्तेमाल या जलवायु में बदलाव हो तो इनमें फौरन प्रतिक्रिया होती है. इस तरह वे हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य के अहम संकेत हैं.”
ऑस्ट्रेलिया में 249 मूल प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से बहुतों पर लुप्त हो जाने का खतरा मंडरा रहा है. फ्रॉगिड के जरिए वैज्ञानिकों को मेंढकों की पांच नई प्रजातियां मिली हैं. इस ऐप से मिले डेटा पर 20 से ज्यादा शोध पत्र लिखे जा चुके हैं. और तो और, इन आंकड़ों ने एक एल्बम के लिए भी प्रेरणा दी है, जिसे खूब सराहा गया.