OSIRIS-REx VIDEO: खतरनाक उल्कापिंड का सैंपल लेकर वापस आया NASA का यान, 159 साल बाद पृथ्वी से टकराएगा ये एस्टेरॉयड

NASA's OSIRIS-REx Asteroid Sample Return: आज से करीब 159 साल बाद यानी 24 सितंबर 2182 में धरती से एक उल्का पिंड टकराने वाला है. इस उल्कापिंड का नाम बेनू (Bennu) है. नासा ने इस एस्टेरॉयड का सैंपल लाने के लिए एक यान भेजा था, जो आज सैंपल लेकर धरती पर सफलतापूर्वक वापस आ गया है.

अंतरिक्ष से आया यह कैप्सूल आज रात करीब साढ़े 8 बजे अमेरिका के रेगिस्तान में उतरा. इस कैप्सूल में उस उल्कापिंड की मिट्टी का सैंपल है. यह यान 643 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करके लौट रहा है.

उल्का पिंड को  मिसाइल से उड़ाने का है प्लान!

माना जा रहा है कि इसकी टक्कर से 22 परमाणु बमों के विस्फोट जितनी तबाही मचेगी. इससे बचने के लिए ही नासा ने OSIRIS-ReX मिशन को लॉन्च किया था. ताकि उसकी मिट्टी के सैंपल से यह पता किया जा सके, वो कितना मजबूत उल्कापिंड है. उसे मिसाइल से अंतरिक्ष में उड़ाया जा सकता है. या उसकी दिशा बदलने के लिए किसी यान या हथियार को अंतरिक्ष में भेजने की जरुरत है.

कैप्सूल छोटे फ्रिज के आकार का है

अब इसके सैंपल को निकाल कर उसकी जांच-पड़ताल होगी. यह कैप्सूल छोटे फ्रिज के आकार का है. ओसाइरिस-रेक्स यानी OSIRI-REx का पूरा नाम है ओरिजिंस, स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन एंड सिक्योरिटी रिगोलिथ एक्सप्लोरर.

लावा से दोगुना ज्यादा गर्म तापमान बर्दाश्त किया

इसने तीन साल पहले Bennu से सैंपल जमा किया था. तब से ये धरती की तरफ लौट रहा था. 45 किलोग्राम के कैप्सूल में करीब 250 ग्राम सैंपल है. वायुमंडल में घुसते ही उसने लावा से दोगुना ज्यादा गर्म तापमान बर्दाश्त किया.

धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते समय इसकी स्पीड आवाज की गति से 36 गुना ज्यादा थी. लेकिन लैंडिंग 10 मील प्रति घंटा की रफ्तार से हुई. यानी पैराशूट के जरिए 16 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से. नासा की रिकवरी टीम हेलिकॉप्टर और ट्रकों में रेगिस्तान की तरफ रवाना हो चुकी है. टीम ने इसे रिकवर कर लिया है.

सात साल पहले हुआ था लॉन्च

इस यान को बेनू एस्टेरॉयड की स्टडी के लिए सात साल पहले लॉन्च किया गया था. बेनू उस उल्कापिंड से 20 गुना कम चौड़ा है, जिसने डायनासोरों को पृथ्वी से खत्म कर दिया था. लेकिन अगर यह टकराया तो तबाही बड़ी होगी. चाहे जमीन से टकराए या फिर समुद्र में गिरे. इसकी वजह से पूरी दुनिया से कई जीवों की आबादी खत्म हो सकती है.

 उल्का पिंड के धरती से टकराने पर क्या होगा

इस उल्का पिंड टक्कर से करीब 10 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा बन जाएगा. टक्कर वाली जगह के चारों तरफ करीब 1000 किलोमीटर तक कुछ भी नहीं बचेगा. अगर यह समुद्र में गिरा तो तबाही ज्यादा हो सकती है, क्योंकि इसकी टक्कर से उठने वाली सुनामी भयानक तबाही मचा सकती है.