पाकिस्तान सरकार ने इस साल का आखिरी पोलियो विरोधी अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान के दौरान देशभर में 4.5 करोड़ बच्चों को पोलियो का टीका दिया जाएगा.पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि देश ने सोमवार, 16 दिसंबर को 4.5 करोड़ बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए साल का अपना अंतिम राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू किया. पाकिस्तान में पोलियो के नए मामले सामने आने के बाद इस बीमारी को रोकने के प्रयास बाधित हुए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पाकिस्तान और उसके पड़ोसी अफगानिस्तान दुनिया के बस दो ऐसे देश हैं जहां पोलियो के वायरस को रोका नहीं जा सका है. पोलियो का वायरस ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है. डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि पोलियो के हर 200 मामलों में से एक मामले में हमेशा के लिए लकवा हो जाता है, जो अमूमन टांगों में होता है.
पाकिस्तान में पोलियो के मामले
पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि इस साल जनवरी से अब तक देश भर में पोलियो के 63 मामले सामने आए हैं. पोलियो विरोधी अभियान पर प्रधानमंत्री की सलाहकार आयशा रजा फारूक ने कहा कि राष्ट्रीय पोलियो विरोधी अभियान 22 दिसंबर तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा, "एक मां के तौर पर, मैं आपसे अपील करती हूं कि आप पोलियो टीम के लिए अपने घर के दरवाजे खोलें."
पाकिस्तान में पोलियो को खत्म करने के लिए अभियान नियमित रूप से जारी हैं. इन अभियानों के दौरान मेडिकल स्टाफ और उनकी सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा बल के जवानों को भी निशाना बनाया जाता है. कुछ चरमपंथी संगठनों ने पोलियो वैक्सीन को लेकर झूठी खबरें और अफवाहें भी फैलाईं कि यह दवा लोगों की प्रजनन क्षमता को नष्ट करने की एक पश्चिमी साजिश है.
निशाने पर पोलियो टीम
इस साल भी पोलियो अभियान के दौरान चरमपंथियों के हमले की आशंका के बीच कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए हजारों पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. फिर भी पोलियो टीम पर हमले होते रहते हैं. सोमवार को ही खैबर पख्तूनख्वा के करक में पोलियो अभियान टीम पर हमला हुआ, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और एक स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गया.
स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रशासन के अनुसार, 1990 के बाद से पोलियो टीमों के 200 से अधिक सदस्य और उनकी सुरक्षा के लिए नियुक्त पुलिसकर्मी चरमपंथियों के हमलों में मारे गए हैं.
हाल ही में पोलियो विरोधी अभियान शुरू होने से पहले मेडिकल स्टाफ के साथ बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उनकी सेवाओं की सराहना की और अपना दृढ़ संकल्प दोहराया कि पोलियो जैसी घातक बीमारी के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान निश्चित रूप से कामयाब होगा.
धमकियों के साए में पाकिस्तान में पोलियो अभियान
सिर्फ दो देशों में ही रह गया है पोलियो वायरस
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अफगानिस्तान में पोलियो के कम से कम 23 मामले सामने आए हैं. इसी साल सितंबर में अफगान तालिबान ने देश भर में घर-घर जाकर पोलियो टीकाकरण अभियान को निलंबित कर दिया, जिससे इस बीमारी को खत्म करने के प्रयासों को बड़ा झटका लगा.
पाकिस्तान में पोलियो के खिलाफ पिछले 25 साल से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और घर-घर जाकर बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है. पोलियो टीका लगाने वाली टीम में मुख्य रूप से महिला स्वास्थ्यकर्मी होती हैं जिनकी मदद के लिए कुछ सुरक्षा गार्ड होते हैं.
कई दशक तक पोलियो दुनिया की सबसे भयावह बीमारी रही है और इसकी वजह से लाखों लोगों में कई तरह की दिक्कतें आईं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पाकिस्तान के अलावा सिर्फ अफगानिस्तान ही दूसरा देश है जहां बच्चे अभी भी पोलियो वायरस से पीड़ित हैं.
एए/वीके (एपी, रॉयटर्स)