क्रिप्टो संपत्ति बाजार में उथल-पुथल को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रिप्टो गतिविधियों के अंतरराष्ट्रीय विनियमन के लिए एक रूपरेखा का सुझाव दिया है. 29 दिसंबर, 2022 को जारी अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि क्रिप्टो संपत्ति बाजार में उथल-पुथल उनकी आंतरिक अस्थिरता और संरचनात्मक कमजोरियों को उजागर करती है, जबकि पारंपरिक वित्तीय प्रणाली के साथ उनका अंतसंर्बंध बढ़ रहा है. केंद्रीय बैंक ने सुझाव दिया है कि विनियामक और पर्यवेक्षी ²ष्टिकोणों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निरंतरता होनी चाहिए. यह भी पढ़ें: भारत का इंटरनेट इंडस्ट्री में होगा जबरदस्त विकास, जल्द पहुंच जाएगा 5 ट्रिलियन डॉलर तक
इन नियामक दृष्टिकोणों को समान गतिविधि, समान जोखिम, समान विनियमन दृष्टिकोण के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए.
ढांचे का प्रस्ताव है कि अधिकारियों के पास घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो संपत्ति गतिविधियों और बाजारों को विनियमित करने, पर्यवेक्षण करने और निगरानी करने के लिए उपयुक्त शक्तियां, उपकरण और संसाधन होने चाहिए, जो वित्तीय स्थिरता जोखिम के अनुपात में हैं.
इसके अलावा आरबीआई की रिपोर्ट ने सुझाव दिया है कि व्यापक शासन और प्रभावी जोखिम प्रबंधन ढांचे को तैयार करने की आवश्यकता है, जो वित्तीय स्थिरता के जोखिमों को संबोधित करते हैं, जो कि परस्पर संबंध से उत्पन्न होते हैं.