Woman is not an Item: मुंबई की एक अदालत (Mumbai Court) ने पिछले हफ्ते एक 25 वर्षीय व्यवसायी को एक नाबालिग लड़की को "आइटम" कहकर उसका यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) करने के लिए दोषी ठहराया. विशेष न्यायाधीश एसजे अंसारी ने कहा कि यह शब्द महिलाओं को यौन रूप से लक्षित करता है और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 के तहत महिला की शील भंग (Outraging Modesty) करने के अपराध को आकर्षित करेगा.
कोर्ट ने कहा "ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटने की जरूरत है क्योंकि महिलाओं को उनके अनुचित व्यवहार से बचाने के लिए सड़क किनारे ऐसे रोमियो को सबक सिखाने की जरूरत है."
मुंबई के डिंडोशी में सत्र न्यायालय में बैठे न्यायाधीश ने व्यवसायी को IPC की धारा 354 और यौन अपराधों के तहत बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया और उसे 1.5 साल जेल की सजा सुनाई.
न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसे अपराधों और अनुचित व्यवहार से सख्ती से निपटने की जरूरत है. "आरोपी ने "आइटम" शब्द का उपयोग करके उसे संबोधित किया, जो आमतौर पर लड़कों द्वारा अपमानजनक तरीके से लड़कियों को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है.
Calling woman "item" amounts to outraging her modesty: Mumbai Court sends man to jail for 1.5 years
report by @Neha_Jozie https://t.co/r5HxdexbPo
— Bar & Bench (@barandbench) October 25, 2022
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