नैनीताल: प्लास्टिक (Plastic) की थैलियां न सिर्फ पर्यावरण (Environment) के लिए चुनौती बनी हुई हैं, बल्कि यह बेजुबान जानवरों (Animals) के लिए बड़ा संकट भी है. जानवरों द्वारा प्लास्टिक निगल जाने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं और अब जो खबर सामने आई है वो वाकई हैरान करने वाली है. दरअसल, देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) स्थित नैनीताल जिले (Nainital) के कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park) से बाघों की एक तस्वीर सामने आई है, जिसे देख प्रशासन के होश उड़ गए हैं. जो तस्वीर सामने आई है उसमें कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला जोन में रामगंगा नदी किनारे तीन बाघ (Tiger) प्लास्टिक खाते दिखाई दे रहे हैं. बाघों की जिंदगी पर मंडराते खतरे को उजागर करती एक तस्वीर को देख प्रशासन में खलबली मच गई. जनवरी के आखिरी सप्ताह में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला रेंज से इस तस्वीर को पर्यटकों के एक समूह ने अपने कैमरे में कैद किया था. इस मामले में सीटीआर निदेशक ने जांच उपनिदेशक को सौंपी है.
बाघों की जो तस्वीर सामने आई है उसमें वो ढिकाला जोन में रामगंगा नदी के किनारे नीले रंग की प्लास्टिक की बाल्टी खाते हुए नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर को किसी पर्यटक ने सीटीआर के निदेशक को भेजी थी, उसके बाद इस मामले की जांच करने का जिम्मा उपनिदेशक को सौंपा गया. उपनिदेशक इस मामले की जांच करेंगे और यह पता लगाया जाएगा कि आखिर रामगंगा नदी में प्लास्टिक की बाल्टी कहां से आई. यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: मौत के मुंह से बाल-बाल बचा शख्स, बाघ से अपनी जान बचाने के लिए किया मरने का नाटक, देखें वायरल वीडियो
बता दें कि वन्य क्षेत्र में प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है. ऐसे में बाघों के प्लास्टिक की बाल्टी खाने की इस घटना से हड़कंप मच गया है. इस मामले की जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले साल 2019 में कॉर्बेट रिजर्व क्षेत्र में पॉलिथीन चबाते हुए एक तेंदुए की फोटो वायरल हुई थी, जिसके बाद विभाग की ओर से जांच के आदेश दिए गए थे. जानकारों की मानें तो प्लास्टिक खाने की वजह से जानवरों के पाचन तंत्र पर सीधा प्रभाव पड़ता है और इससे जानवरों में इतना ज्यादा इंफेक्शन हो जाता है, जिससे उनकी मौत तक हो सकती है.
गौरतलब है कि बाघ मांसाहारी होते हैं और वे अक्सर जंगली जानवरों को अपना शिकार बनाते हैं. बाघ जंगली सुअर, भालू, भैंस, जंगली मवेशी और हिरण जैसे जानवरों को अपना शिकार बनाते हैं. जब उन्हें खाने के लिए बड़े शिकार नहीं मिलते हैं तो ऐसी स्थिति में वो छिपकली, केकड़े, पक्षी और मछलियों को मारकर खाते हैं.