एक वायरल पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह दावा कर रहा है कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) के तहत एक वेबसाइट राष्ट्रीय छात्रवृत्ति परीक्षा (National Scholarship Examination) (एनएसई) के माध्यम से छात्रों को 1 लाख रुपये तक की स्कॉलरशिप दे रही है. फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस भ्रामक पोस्ट का व्यापक रूप से प्रचार किया जा रहा था. फर्जी पोस्ट में दावा किया गया है कि 'कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत एम एंड एन प्लेटफॉर्म (M&N platform) छात्रों को उनकी पढ़ाई में मदद करता है और राष्ट्रीय छात्रवृत्ति परीक्षा के माध्यम से, छात्रों को 1 लाख तक की नकद स्कॉलरशिप दी जाएगी. यह भी पढ़ें: FACT CHECK: Sir Ganga Ram Hospital के नाम से वायरल हो रहे पर्चे में कोरोना से निपटने के लिए इन दवाओं के इस्तेमाल की दी गई सलाह, अस्पताल ने बताया फर्जी
इस पोस्ट में दावा किया गया है कि,'कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत काम करने वाली एक वेबसाइट राष्ट्रीय छात्रवृत्ति परीक्षा के माध्यम से 1 लाख तक की स्कॉलरशिप देने का दावा कर रही है. इस फर्जी न्यूज को खारिज करते हुए, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा एक तथ्य की जांच में कहा गया है कि इस तरह के दावे करने वाली वेबसाइट नकली है और एमसीए किसी भी स्टूडेंट को स्कॉलरशिप देने के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति परीक्षा आयोजित नहीं कर रहा है. 'यह वेबसाइट फेक है. एमसीए राष्ट्रीय स्कॉलरशिप योजना का आयोजन नहीं कर रहा है ताकि कोई स्कॉलरशिप दी जा सके.
देखें ट्वीट:
Claim: A website stating to be working under Ministry of Corporate Affairs is claiming to reward students with scholarship upto 1 Lakh through National Scholarship Exam
#PIBFactCheck:This website is #Fake. MCA is not conducting National Scholarship Exam to offer any scholarship pic.twitter.com/rzHjXGIrnx
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 27, 2020
इससे पहले जून में इसी तरह के फर्जी दावे ने छात्रों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी. इस फर्जी पोस्ट में कहा गया था कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल कॉलेज के छात्रों के लिए 10,000 रुपये की स्कॉलरशिप दे रहा है. बाद में, पीआईबी द्वारा जब फैक्ट चेक किया गया तो जांच में ये फर्जी निकला. पीआईबी ने लोगों से ऐसी धोखाधड़ी पर विश्वास न करने का आग्रह किया है. यह भी पढ़ें: Fact Check: क्या फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल की जगह 1 जुलाई से होगा शुरू? वायरल खबर पर वित्त मंत्रालय ने दी सफाई
ऐसे समय में जब देश COVID-19 महामारी से जूझ रहा है, ट्विटर, फेसबुक और व्हॉट्सऐप सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों के बीच गलत सूचना और भड़काऊ खबरें आ रही हैं, जिससे लोगों में दहशत और अराजकता फ़ैल रही है. सरकार ने लोगों से ऐसी फर्जी खबरों के प्रति सचेत रहने और ऐसी किसी भी घोषणा के लिए सरकारी वेबसाइटों पर जाकर जानकारी लेने का आग्रह किया है.