कुलदेवी या कुलदेवता कौन हैं? शुभ आयोजनों में इनकी पूजा क्यों आवश्यक है? जानें पूजा न होने से क्या नुकसान हो सकते हैं!

  कुलदेवी या कुलदेवता, वे देवता होते हैं, जो किसी वंश विशेष या परिवार के संरक्षक होते हैं. हिंदू धर्म में कुलदेवी या कुलदेवता का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इनकी पूजा से वंश की रक्षा होती हैपरिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि बनी रहती है. किसी भी तरह के शुभ कार्य शुरू करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा का विधान हैताकि कार्य सफल और मंगलकारी हो. यहां बात करेंगे कौन हैं कुलदेवी या कुलदेवता, इनका महत्व, उनकी पूजा आदि के बारे में, साथ ही जानेंगे, कि उनकी पूजा ना करने से घर-परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है.

कौन होते हैं कुलदेवी/कुलदेवता?

   कुल का अर्थ होता है वंश या परिवारकुलदेवी या कुलदेवता वे देवता होते हैंजो किसी विशेष वंश या गोत्र के संरक्षक माने जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि ये देवता परिवार के पूर्वजों से संबंधित होते हैं, और उनकी कृपा से परिवार को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.  इनका नाम हर परिवारक्षेत्र और परंपरा के अनुसार अलग-अलग होता है. उदाहरण के लिएकुछ कुलदेवी-देवताओं में दुर्गा देवीभैरवनाथतुलजा भवानीआशापुरा माता आदि शामिल हैंजिनका संबंध विभिन्न समुदायों से है. यह भी पढ़ें : कुलदेवी या कुलदेवता कौन हैं? शुभ आयोजनों में इनकी पूजा क्यों आवश्यक है? जानें पूजा न होने से क्या नुकसान हो सकते हैं!

हिंदू धर्म में इनका महत्व

  हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हमारे कुलदेवी या कुलदेवता हमारे वंश को नष्ट होने से बचाते हैं. हिंदू घरों में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य, मसलन विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि से पूर्व कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा करना शुभ माना जाता है, ताकि कार्य निर्विघ्न सम्पन्न हो. इनकी पूजा से परिवार में सुख-शांति, सद्कीर्ति और ऐश्वर्य बना रहता है. कुलदेवी या देवता की पूजा से हम अपनी जड़ों और परंपराओं से जुड़े रहते हैं, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

कुलदेवी या कुलदेवता पूजा क्रमः 

   हिंदू धर्म मेंकिसी भी शुभ आयोजनों में देवी-देवता की पूजा से पहले या गणेश पूजा के बाद कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा की जाती है. अगर कुलदेवी/कुलदेवता का नाम ज्ञात न हो. यदि अपने कुलदेवी या कुलदेवता का नाम याद नहीं हैतो आप परिवार के बुजुर्गोंब्राह्मणों या गुरु से संपर्क कर सकते हैं. यदि फिर भी जानकारी न मिलेतो आप एक विशेष संकल्प के साथ किसी एक देवी-देवता को अपने कुलदेवता या कुलदेवी के रूप में मानते हुए कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा कर सकते हैं. आप उस स्थान का नाम लेकर भी पूजा कर सकते हैं जहां आपके कुलदेवी-देवता स्थित हैंया समय निकालकर उनके दर्शन के लिए जा सकते हैं.

कुल देवी/कुल देवता को नजरंदाज करने से नुकसान

  भविष्यवक्ताओं के अनुसार कुल देवता/देवी की पूजा न होने से कुछ वर्षों तक तो सामान्य गुजर सकता है, लेकिन जब सुरक्षा चक्र हटता है तो परिवार में दुर्घटनाएं, नकारात्मक ऊर्जा, वायव्य बाधाएं आनी शुरू हो जाती है. उन्नति रुकने लगती है, पीढ़ियां आपेक्षित उन्नति नहीं कर पाती. परिवार में संस्कारों का क्षय, नैतिक पतन, कलह, उपद्रव एवं अशांति शुरू हो जाती है. कुल देवी और कुल देवता किसी भी ईष्ट को दी जाने वाली पूजा को इष्ट तक पहुंचाते हैंयदि इन्हें पूजा नहीं मिलती है तो ये नाराज या निर्लिप्त (उदासीन) भी हो सकते हैं.