Shrawan & kanwad 2024: नियमों में चूक होने पर भंग हो सकती है कांवड़-यात्रा! जानें क्या हैं कांवड़ियों के लिए निर्धारित नियम?
Shrawan & kanwad 2024 (img: file photo)

श्रावण मास के प्रारंभ होते ही भारत के विभिन्न शहरों में कांवड़ियों के जत्थे दिखने लगे हैं. केसरिया परिधान, नंगे पैर, और कंधे पर छोटे-बड़े कांवड़ लिए ये लंबी-लंबी दूरियों पर निरंतर चलते रहते हैं. सतही तौर पर देखने पर ये बहुत साधारण धार्मिक यात्रा लगती है, मगर कांवड़ियों की यह यात्रा इतनी आसान नहीं है. पुरोहितों के अनुसार कंधे पर कांवड़ रखने के बाद कांवड़ियों को पूरी तरह से धार्मिक मान्यताओं का पालन करना अनिवार्य होता है. कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को किसी से द्वेष भाव, बुरा व्यवहार, निरीह पशु-पक्षियों को सताने आदि से बचना चाहिए. कांवड़ लेकर चलने के दरमियान नियमों में किसी तरह की चूक होने पर संगत के गुरु द्वारा दिये गये दंड को उन्हें स्वीकारना पड़ता है. यह उसका धर्म होता है. गुरू उन्हें यात्रा बीच में ही रोकने के लिए बाध्य कर सकता है. आइये जानते हैं कांवड़ियों के लिए बने नियम क्या हैं. यह भी पढ़ें : Lokmanya Tilak Jayanti 2024: एक तरफ स्वतंत्रता आंदोलन, दूसरी ओर समाज कल्याण का संकल्प! जानें कैसा रहा तिलक का दोधारी तलवार पर सफर!

सनातन धर्म के अनुसार भगवान शिव के उपासक कांवड़ियों को कांवड़ यात्रा शुरू करने से पूर्व तमाम तरह के नियमों का पालन करना होता है. पुरोहितों का कहना है कि नियम भंग होने की स्थिति में कांवड़ियों को अपनी यात्रा बीच में खंडित करनी पड़ती है. कांवड़ियों के लिए बने नियम कुछ ये हैं.

विशिष्ठ नामों का उच्चारणः कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों के लिए पानी को जल, कुत्ते को भैरव, महिला को भोली, पुरुष को भोला, बैल को नादिया और खाने को भोजन नाम से उच्चारण करना अनिवार्य होता है.

कांवड़ के नियमः कांवड़ लेकर चलने वाले अगर स्नानादि के लिए कहीं रुकते हैं, तो वे अपने कांवड़ को जमीन पर नहीं रख सकते. उस दरमियान वे कांवड़ अपने साथी को देंगे.

उपवास एवं शुद्धताः कांवड़ियों को यात्रा शुरू करने से लेकर भगवान शिव को जलाभिषेक करने तक उपवास रखना होता है. निश्चित एवं संतुलित आहार लेकर खुद को शुद्ध रखना होता है.

संतुलित आहार: यात्रा के दौरान कांवड़ियों को संतुलित आहार, उदाहरण के लिए फल, दूध, घी, शक्कर, और सब्जियां जैसे फलाहारी खाद्य लेना चाहिए.

सम्मान पूर्ण व्यवहार: अकसर कांवड़िये अशांत होकर हिंसक हो जाते हैं, लेकिन कांवड़ियों को दूसरों के साथ प्रेम और सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए.

आध्यात्म का पालन: कांवड़ियों को यात्रा के दौरान हिंदू धर्म से जुड़े सारे रीति-रिवाज का पालन और सम्मान करना चाहिए. समय पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, प्रार्थना, समय पर भोजन, पूजा-अर्चना, आरती आदि में शामिल होना.

सुरक्षा का पालन: यात्रा के दौरान स्थानीय नियमों और सुरक्षा के निर्देशों का पूरा पालन करना चाहिए।

प्राकृतिक संसाधनों का सम्मानः कांवड़ियों को यात्रा के दरमियान प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए.

पशु-पक्षी अथवा बुजुर्गों का सम्मानः कांवड़ यात्रा के दरमियान कांवड़ियों को निर्दोष पशु-पक्षियों के साथ हिंसक व्यवहार नहीं करना चाहिए.