Earth Day 2025 Quotes:  पृथ्वी को ‘बेहतर दुनिया’ बनाने के लिए अपने करीबियों को भेजें ये प्रेरक कोट्स!

   अगर आप सोच रहे हैं कि पृथ्वी दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुईतो बता दें, इसकी शुरुआत विस्कॉन्सिन के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थीजो प्रदूषण से पृथ्वी को हो रहे नुकसान को लेकर चिंतित थे. इस पर ध्यानाकर्षित की उम्मीद से उन्होंने 1970 में पृथ्वी दिवस की स्थापना की. उस समय सेदुनिया भर के देशों ने उन्हें अपना समर्थन देने का संकल्प लिया हैजिसका परिणाम है कि आजएक अरब से अधिक लोग इस नीली धरा के सम्मान में पृथ्वी दिवस के विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं. अगर आप भी विश्व पृथ्वी दिवस को जन-जागृत से जोड़ने को इच्छुक हैं, तो इस अवसर पर आपको अपने करीबियों को ये कोट्स अवश्य शेयर करना चाहिए.

* ‘पृथ्वी वह है, जो हम सभी के लिए समान है.’ - वेंडेल बेरी

* ‘पृथ्वी पर कोई यात्री नहीं है. हम सभी चालक दल हैं.’ - मार्शल मैक्लुहान

* ‘किसी प्रजाति की रक्षा करने का समय तब है, जब वह भी आम हो.’ - रोज़ली एज

* ‘हमें पृथ्वी अपने पूर्वजों से विरासत में नहीं मिली है. हम इसे अपने बच्चों से उधार लेते हैं.’

- मूल अमेरिकी कहावत

* ‘अगर हम यहा जीतते हैंतो हम हर जगह जीतेंगे. पृथ्वी एक अच्छी जगह है, जिसके लिए लड़ना पड़े तो गलत नहीं है. मुझे इसे छोड़ना बहुत बुरा लगता है.’ - अर्नेस्ट हेमिंग्वे

* ‘दुनिया को उससे बेहतर बनाने के लिएजिसे आपने पाया है, उसे बेहतर बनाने के लिए कभी-कभी आपको दूसरों का कचरा उठाना पड़ सकता है.’ - बिल नाई

* ‘पृथ्वी हर आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती हैलेकिन आदमी के लालच को नहीं.’ - महात्मा गांधी

* ‘पीले नीले बिंदु को संरक्षित और संजोएं, यह एकमात्र घर है, जिसे हमने कभी जाना है.’

- कार्ल सागन

* ‘हम सभी पृथ्वी के संरक्षक हैं. - डॉ. जेन गुडॉल

* ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रकृति सभी परेशानियों में सांत्वना लाती है.’ - ऐनी फ्रैंक

* ‘प्रकृति को गहराई से देखेंफिर आप सब कुछ बेहतर ढंग से समझ पाएंगे.’ - अल्बर्ट आइंस्टीन

* ‘पृथ्वी हम में सांस लेती है.’  मैथ्यू एडवर्ड हॉल

* ‘पेड़ कविताएँ हैं जो धरती आसमान पर लिखती है।  खलील जिब्रान

* ‘प्रकृति ने हमें जो कुछ भी दिया है, उसका एक हज़ारवाँ हिस्सा भी हम उसके बारे में नहीं जानते,’

 अल्बर्ट आइंस्टीन

* ‘चमत्कार हवा में उड़ना या पानी पर चलना नहीं हैबल्कि धरती पर चलना है,’  चीनी कहावत

* ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रकृति सभी परेशानियों में सांत्वना देती है.’  ऐनी फ्रैंक

* ‘कोई भी घास फूस की तरह धरती से नहीं आता. हम पेड़ों की तरह आते हैं. हम सभी की जड़ें होती हैं.’

 माया एंजेल

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