Indian Navy Day 2024: प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को ‘भारतीय नौसेना दिवस’ मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान द्वारा भारत पर दुस्साहसिक हमले के जवाब में ऑपरेशन ‘ट्राइडेंट’ शुरू किया था. भारतीय नौसेना ने कराची (पाकिस्तान) बंदरगाह में घुसकर एक के बाद एक सटीक आक्रमण कर पाकिस्तानी नौसेना की कमर तोड़ दिया था.
भारतीय नौसेना के इस साहसिक हमले में पाकिस्तान के कई युद्धपोत बर्बाद होकर जलमग्न हो गए थे. पाकिस्तान पर इस विजय अभियान के उपलक्ष्य में 4 दिसंबर को ‘भारतीय नौसेना दिवस’ मनाया जाता है. प्रस्तुत है, 4 और 5 दिसंबर 1971 की मध्य रात्रि में कराची बंदरगाह पर चलाए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के जरिये भारतीय नौसेना के शूरवीरों की रोमांचक शौर्य गाथा... ये भी पढ़े:Indian Navy Day 2023 Date: भारतीय नौसेना दिवस पर जानें प्रारम्भिक इतिहास और उत्पत्ति
क्या था ऑपरेशन ट्राइडेंट?
साल 1971 के अंतिम दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा था. 23 नवंबर को पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के बाद भारतीय नौसेना ने ओखा (कराची) के आसपास के क्षेत्र में गश्त करने के लिए तीन विद्युत श्रेणी की मिसाइल नौकाएं तैनात की.
चूंकि पाकिस्तानी बेड़े भी उसी जल सीमा क्षेत्र में गश्त कर रहे थे, इसलिए भारतीय नौसेना ने एक सीमा रेखा निर्धारित की, जिसे उनके बेड़े के जहाज पार नहीं करेंगे. 3 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना ने भारतीय हवाई पर एक के बाद एक हमला कर युद्ध की रणभेरी बजाई थी. अब जरूरत थी, भारतीय नौसेना द्वारा पाकिस्तान को सबक सिखाने की.
ऐसे रचा गया पाकिस्तान के खिलाफ व्यूह
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल एसएम नंदा के नेतृत्व में ऑपरेशन ट्राइडेंट का प्लान बनाया गया. इस टास्क का कमान 25वीं स्कवॉर्डन कमांडर बबरू भान यादव को सौंपी गई. भारतीय नौसैनिक बेड़े को कराची से करीब 250 किमी पहले रुकने को कहा गया, ताकि दुश्मन को भनक न लगे, लेकिन शाम होने से पूर्व बेड़े को कराची से और 150 किमी करीब पहुंचने का आदेश मिला. बबरू भान यादव बड़ी चौकसी से आदेश का पालन कर आगे बढ़ते रहे.
यहां से भारतीय नौसेना ने रूस निर्मित ओसा मिसाइल बोट्स निपट, निर्घट और वीर बोट से पहले PNS खैबर, उसके बाद PNS चैलेंजर और PNS मुहाफिज पर मिसाइल से हमला कर उन्हें नष्ट कर सागर में डुबो दिया. इसके साथ ही पाकिस्तानी ऑयल टैंकर बुरी तरह तबाह हो गए. तत्पश्चात सूर्योदय होने से पूर्व भारतीय बेड़े को डेढ़ सौ किमी पीछे आने का आदेश मिला, ताकि भारतीय बेड़ा पाकिस्तान की रेंज से दूर सुरक्षित क्षेत्र में पहुंच जाये. उधर पाकिस्तानी सेना नेवी सतर्क होकर छोटे विमानों से कराची पोर्ट को सुरक्षा घेर में ले लिया. भारतीय नौसेना बेड़ा सुरक्षित भारत वापस आ गया. भारतीय नेवी ने इस हमले से पाकिस्तान की रीढ़ तोड़ दी थी.