Relief for Shweta Tiwari: मुंबई पुलिस ने अभिनेत्री श्वेता तिवारी के खिलाफ उनके पूर्व पति अभिनव कोहली द्वारा दायर 2021 के जालसाजी मामले को बंद कर दिया है. यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब कोहली ने आरोप लगाया था कि तिवारी ने उनके हस्ताक्षर जाली कर 2017 में अपने बेटे रेयांश कोहली को यूनाइटेड किंगडम ले जाने के लिए वीजा आवेदन में एक फर्जी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) पेश किया था.
हाल ही में, पुलिस ने अदालत में ए समरी रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें कहा गया कि मामले में कोई सबूत नहीं मिला. इस रिपोर्ट के बाद श्वेता तिवारी की कानूनी टीम ने एफआईआर को रद्द करने की अपनी याचिका वापस ले ली. हालांकि, कोहली ने इस रिपोर्ट को चुनौती देने की योजना बनाई है और इसे प्रोटेस्ट पेटिशन के माध्यम से अदालत में प्रस्तुत करेंगे.
2017 का मामला: वीजा और एनओसी विवाद
2017 में श्वेता तिवारी ने अपने बेटे रेयांश को फिजियोथेरेपी के लिए यूनाइटेड किंगडम ले जाने के लिए वीजा के लिए आवेदन किया था. उनके साथ बेटे के पिता, अभिनव कोहली नहीं जा रहे थे, इसलिए उन्हें एक एनओसी की आवश्यकता थी. कोहली ने आरोप लगाया कि उन्होंने एनओसी पर हस्ताक्षर नहीं किए और दस्तावेज़ फर्जी था.
2021 में कोहली ने दर्ज कराई शिकायत
कोहली ने यह मामला 2021 में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने यूके एम्बेसी को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद वीजा आवेदन रद्द कर दिया गया.
पुलिस की ए समरी रिपोर्ट
मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के बाद अदालत में ए समरी रिपोर्ट दाखिल की. इस रिपोर्ट में कहा गया कि जालसाजी के आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं मिले.
कानूनी प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति
श्वेता तिवारी ने एफआईआर रद्द करने की याचिका वापस ले ली है, जबकि अभिनव कोहली ने पुलिस रिपोर्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट पेटिशन दायर करने की योजना बनाई है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को मामले की कानूनी प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी है.
पुलिस की रिपोर्ट से श्वेता तिवारी को बड़ी राहत मिली है. हालांकि, कोहली की चुनौती के बाद यह मामला आगे भी अदालत में उठ सकता है.