हिंदू धर्म शास्त्रों में सूर्य ग्रहण को दोषपूर्ण स्थिति मानी जाती है, जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण इसके विपरीत है. हिंदू आध्यात्मिक संस्कृति के अनुसार सूर्यग्रहण के दौरान शुभ- मंगल कार्यों को टालने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि इस दौरान किये कार्य पूर्ण और सफल नहीं होते, उल्टा कलंक लगने की संभावना होती है. यहां हम जानेंगे नये साल के पहले सूर्यग्रहण की तिथि, समय और सूर्य ग्रहण के दौरान ध्यान रखी जाने वाली बातों पर, ताकि सूर्यग्रहण से संभावित दुष्परिणामों से आप सुरक्षित और सतर्क रहें.
कब लग रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना मानी गयी है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चूंकि सूर्य ग्रहण आमतौर पर अमावस्या के दिन लगता है, इस कारण इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है, जिसका असर भिन्न-भिन्न राशियों के जातकों पर भी पड़ता है. ऐसी स्थिति में सूर्य ग्रहण के मूल नियमों का पालन करना ही श्रेयस्कर होता है.
सूर्य ग्रहण 2025 कहां-कहां दिखेगा?
इस नये साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च, शनिवार को लग रहा है. गौरतलब है कि यह सूर्य ग्रहण उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका, आइसलैंड, ग्रीनलैंड उत्तर, पश्चिमी रूस, आर्कटिक महासागर, अटलांटिक महासागर, एशिया, यूरोप और अफ्रीका में स्थानीय समय के अनुसार देखा जा सकेगा.
भारत में कब और कहां दिखेगा सूर्यग्रहण?
भारतीय समयानुसार इस वर्ष 29 मार्च 2025, शनिवार को सूर्य ग्रहण निम्न समय पर लग रहा है, हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए भारत में किसी भी जगह पर सूतक काल भी मान्य नहीं होगा, हांलाकि ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के कुछ नियमों का पालन करना चाहिए. किसी भी जोखिम से बचने के लिए यह जरूरी है.
भारत में सूर्य ग्रहण का समयः 02.20 PM से 06.16 PM
ग्रहण के दौरान ये कार्य अवश्य करें
* सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण समाप्त होने के पश्चात गंगा स्नान करें. गंगा नदी सुलभ नहीं है तो स्नान के जल में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर उसी जल से स्नान करें.
* निर्धन लोगों या मंदिर में श्रद्धा अनुसार वस्त्र, भोजन, एवं धन का दान अवश्य करें.
* ग्रहण के दौरान सूर्य देव के निम्न मंत्रों का जाप करें. यद्पि इस दौरान मंदिर अथवा किसी भी देवी-देवता को स्पर्श करने से बचें.
ॐ घृणि सूर्याय नम:।
बीज मन्त्र - 'ॐ ह्राँ ह्रीँ ह्रौं स: सूर्याय नम:'
सूर्य गायत्री मंत्र - 'ॐ आदित्याय विद्महे, प्रभाकराय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्॥'
* पके हुए खाना एवं दूध आदि में तुलसी पत्ता जरूर डालें, मगर ध्यान रहे ग्रहण काल से पूर्व ही तुलसी पत्ता जरूर तोड़ लें.
* ग्रहण समाप्त होने के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
ये कार्य करने से बचें
* सूर्य ग्रहण के दौरान चूल्हा जलाने, खाना बनाने एवं खाना खाने न खायें.
* ग्रहण काल में विशिष्ठ देवी देवताओं का पूजा, अनुष्ठान आदि नहीं करें.
* गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल में घर से बाहर न निकलें. इस दौरान उन्हें सूर्य ग्रहण भी नहीं देखना चाहिए.
* गर्भवती महिलाओं को किसी भी नुकीली वस्तुओं कील, सूई, खुरपी, फावड़ा आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.













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