Parakram Diwas 2025 Wishes: पराक्रम दिवस के इन शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, HD Images, Wallpapers और GIF Greetings को भेजकर दें बधाई
पराक्रम दिवस 2025 (Photo Credits: File Image)

Parakram Diwas 2025 Wishes in Hindi: ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा बुलंद करने वाले देश के वीर क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की बहादुरी और साहस से जुड़े किस्से आज भी सुनने और पढ़ने को मिलते रहते हैं. 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में जन्में सुभाष चंद्र बोस का अंग्रेजों के खिलाफ भारत की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. बंगाली परिवार में जन्में नेताजी के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था. उनके 7 भाई और 6 बहनें थीं. पूरे देश में हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती (Subhash Chandra Bose Jayanti) मनाई जाती है, जिसे पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) के तौर पर भी जाना जाता है. नेताजी ने आजाद हिंद फौज का गठन किया था, ताकि अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए ज्यादा से ज्यादा युवा उनकी इस फौज से जुड़ सकें. उनके इस फौज की बढ़ती ताकत को देख अंग्रेजी हुकूमत भी घबराने लगी थी, लेकिन उनके अचानक लापता होने के बाद अंग्रेजों ने राहत की सांस ली.

ब्रिटिश सरकार से भारत को आजादी दिलाने में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उनके इसी योगदान को देखते हुए साल 2021 में बीजेपी सरकार ने उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया. ऐसे में सुभाष चंद्र बोस जयंती पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए पराक्रम दिवस की बधाई दे सकते हैं.

1- सुभाष चंद्र बोस जयंती की हार्दिक बधाई

पराक्रम दिवस 2025 (Photo Credits: File Image)

2- पराक्रम दिवस की शुभकामनाएं

पराक्रम दिवस 2025 (Photo Credits: File Image)

3- पराक्रम दिवस 2025

पराक्रम दिवस 2025 (Photo Credits: File Image)

4- पराक्रम दिवस की बधाई

पराक्रम दिवस 2025 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी सुभाष चंद्र बोस जयंती

पराक्रम दिवस 2025 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि नेताजी ने युवाओं में आजादी के लिए अलख जगाने और अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' का नारा बुलंद किया था. बताया जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में सुभाष चंद्र बोस का निधन हो गया था. एक तरफ जहां कुछ लोगों का मानना है कि संभवत: उन्होंने अपनी ही मृत्यु का स्वांग रचा, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि उनका अपहरण कर लिया गया. हैरत की बात तो यह है कि उनकी मौत पर आज भी रहस्य बरकरार है.