Heat Stroke: लू के थपेड़ों से बचें! अपनाएं ये अचूक घरेलू उपाय! जानें कैसे लगती है लू और क्या हैं इसके लक्षण?
गर्मी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

उत्तर भारत समेत देश के तमाम प्रदेश धूप की चिलचिलाती गर्मी से त्रस्त हैं, ऊपर से लू की दोहरी मार! कोरोना संक्रमण के काफी हद तक नियंत्रण में आने के बावजूद लोग अपनी कंपनी से वर्क फ्रॉम होम की अपील कर रहे हैं, ताकि लू के थपेड़ों से बचें. क्योंकि ये तेज गर्म हवाएं आपकी त्वचा को तो झुलसाती हैं, सेहत के लिए भी बहुत हानिकारक होती हैं. यह भी पढ़ें: Maharashtra: रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से बेहाल महाराष्ट्र, लू की वजह से 25 लोगों ने गंवाई जान

मजबूत इम्यूनिटी वाले कुछ हद तक लू की विभीषिका झेल लेते हैं, लेकिन बच्चे एवं वृद्ध लोग अकसर लू की चपेट में आ जाते हैं. दिल्ली के चिकित्सक डॉ जितेंद्र सिंह बताते हैं, लू से उपजी बीमारियां खतरनाक नहीं होते हुए भी इसके प्रति लापरवाही नहीं करनी चाहिए. इसलिए लू के उपचार के साथ-साथ इसके लक्षणों को भी समझने की जरूरत है, ताकि जरूरत पड़ने पर आप यथोचित इलाज करवा सकें. लेकिन स्थिति पर नियंत्रण नहीं हो रहा है तो वक़्त गंवाने के बजाय तुरंत चिकित्सक से सलाह लें.

लू लगने के लक्षण.

* लू लगने का पहला और महत्वपूर्ण लक्षण होता है तेज बुखार, और यह बुखार 104 डिग्री तक जा सकता है.

* तेजी से चक्कर आना.

* सांस लेने में तकलीफ होना.

* पसीना नहीं निकलता है.

* सिर और शरीर में असहनीय दर्द होना.

* मतली और उल्टी महसूस होना.

* त्वचा का लाल होना.

* खीझ अथवा चिड़चिड़ाहट होना.

* कभी-कभी हृदय गति बहुत तेज हो जाती है.

* कभी-कभी मरीज बेहोश भी हो जाता है.

लू लगने पर सर्वप्रथम क्या करें?

डॉ जितेंद्र सिंह के अनुसार लू के लक्षणों की पुष्टि होते ही मरीज को किसी ठंडी जगह पर लिटायें. बुखार ज्यादा हो तो बर्फ अथवा ठंडे पानी की पट्टी सिर पर तब तक रखें, जब तक बुखार कम ना हो जाये. बुखार कम होने पर मरीज को कूलर अथवा एसी में लिटायें. मरीज में अगर बेहोशी के लक्षण दिख रहे हैं तो तत्काल उसे डॉक्टर के पास ले जाएं. अगर मरीज नॉर्मल हो रहा है तो उसे निम्न घरेलू उपचार दें.

* लू के कारण जब बुखार तेज हो तो मरीज को फ्रिज का पानी नहीं बल्कि घड़े या मटके का पानी पिलाना चाहिए, वरना बुखार बिगड़ सकता है.

* चंदन को घिसकर माथे के चारों तरफ लगाएं, बुखार भी उतरेगा और लू से भी राहत मिलेगा.

* शीतल जल में ग्लूकोज, पाउडर, सौंफ का रस एवं 2 बूंद पुदीने का रस डालकर मरीज को पिलायें, इसकी तासीर ठंडी होती है, यह तत्काल फायदा पहुंचाता है.

* कच्चे नारियल की गिरी को मिक्सी में पीसकर इसके रस में काला जीरा पाउडर मिलाकर सेवन करें, राहत मिलेगी.

* पुदीने की ताजी पत्तियों के साथ 2 लौंग मिलाकर पीसें. आधे चम्मच इस तैयार लेप को आधे गिलास पानी में मिलाकर पीयें. लू का असर कम होगा.

* ताजा नारियल का पानी पीयें.

लू से बचने के उपाय

सर्दी हो या गर्मी फील्ड में काम करने वालों को तो बाहर निकलना ही पड़ता है. पहले तो कोशिश करें कि घर से बाहर न निकलें और अगर बहुत जरूरी होता है तो निम्न बातों का जरूर ध्यान रखें.

* घर से निकलने से पहले अच्छे से पानी पीकर ही निकलें.

* गरिष्ठ, ऑयली अथवा मिर्च-मसाले वाले भोजन के सेवन बचें.

* केवल सूती कपड़े पहनकर ही बाहर निकले.

* मुंह पर मास्क एवं छतरी लेकर ही घर से निकलें.

* शरीर के खुले अंगों में अच्छी क्वालिटी का सनस्क्रीन लगाकर ही बाहर निकलें.

* ठंडे पानी का बोतल साथ लेकर निकलें और निरंतर पानी पीते रहें.

* पना, बेल का शर्बत अथवा धनिया-पुदीना का जूस, अथवा सौंफ का शर्बत पिएं क्योंकि इन सभी की तासीर ठंडी होती है.

* घर में दिन में एक या दो बार वेजिटेबल सूप जरूर पीएं.