Coronavirus: कोविड-19 को हराना है तो अपनाएं इससे लड़ने का सही तरीका, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
कोरोना वायरस से जंग (Photo Credits: Pixabay)

बीजिंग: कोविड-19 (COVID-19) से बचाव के लिए दुनियाभर में लगभाग 100 वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पर काम चल रहा है, लेकिन वैक्सीन कब तक आएगा, कुछ नहीं कहा जा सकता. डेंगू और मलेरिया के वैक्सीन के लिए पिछले कई सालों से प्रयास जारी है. अभी तक का सबसे जल्दी तैयार किया गया वैक्सीन 4 साल में बना है. ज्यादातर वैक्सीन को बाजार तक पहुंचने में 5 से 15 साल का वक्त लग जाता है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन के जल्दी से आने की उम्मीद करना बेमानी होगी. कोरोना वैक्सीन के आने तक हाथ पर हाथ धरे बैठा भी नहीं जा सकता है.

हमें वायरस से लड़ने (Fight Against Coronavirus) का सही तरीका अपनाना होगा. उसके लिए नियमित रूप से मास्क (Mask) लगाएं, नियमित रूप से सैनिटाइजर-साबुन (Sanitizer) से हाथ साफ करें, जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें, भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें, सोशल दूरी (Social Distancing) अपनाएं इत्यादि. हमें ये सब करना होगा और ऐसा लॉकडाउन हटने के 6-7 महीने बाद या इससे अधिक समय तक भी करते रहना होगा. यह एक तरह की तपस्या है, जो हम सभी को करनी है. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस फेफड़ों के अलावा मस्तिष्क, हृदय और किडनी पर भी करता है अटैक, जानें कैसे कोविड-19 से मरीज का पूरा शरीर होता है प्रभावित?

दरअसल, कोविड-19 एक आरएनए वायरस है. ये जल्दी से म्यूटेट यानी रुप बदल लेता है. आमतौर पर देखा गया है कि शुरू में ये अधिक गंभीर लक्षण देता है, लेकिन जैसे-जैसे संक्रमण फैलने लगता है, इसका असर घटने लगता है. इसमें फैलने की ताकत तो बढ़ती है, लेकिन लोगों की जान का जोखिम कम हो जाता है. इस तरह के वायरस की गंभीरता धीरे-धीरे घटती है, लेकिन फैलाव अधिक होता है.

अगर हम देखें तो सार्स और स्पेनिश फ्लू का खतरा अधिक था, उसमें मृत्युदर भी अधिक थी, क्योंकि उनके लक्षण फैलने के पहले ही दिख जाते थे. उनकी तुलना में कोविड-19 कम गंभीर वायरस है. इसके कई मरीजों में पता नहीं होता कि वे संक्रमित भी है. उनसे भी दूसरों में यह फैल सकता है. यही वजह है कि कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है.

वायरस का असर तीन तरीकों से कम होता है. पहला, वायरस इतना म्यूटेट हो जाए जिससे उसकी फैलने की क्षमता खत्म हो जाए. दूसरा, वैक्सीन आ जाए जिससे वायरस के फैलाव को रोका जा सके,  और तीसरा वातावरण में ऐसे बदलाव हो जाए ताकि यह फैले ही नहीं. अगर ये तीनों नहीं होते तो वायरस धीरे-धीरे फैलता रहेगा. 60-70 प्रतिशत आबादी में फैलने पर हर्ड इम्युनिटी विकसित होती है. तब भी असर घटने लगेगा पर इसमें काफी समय लगेगा. यह भी पढ़ें: क्या बन गई है कोरोना वायरस की वैक्सीन? इजराइल के रक्षा मंत्री ने किया दावा, बच सकती है लाखों की जान

हमें लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी अपनी आदतों में बदलाव लाकर कोरोना से लड़ा और बचा जा सकता है, जैसे हर छोटी चीज के लिए बाजार न जाएं, एक बार में ही ज्यादा चीजें खरीद लें, भीडभाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, बिना मास्क के बाहर न निकलें, बाहर से घर आने पर कपड़े धो लें, जो काम ऑनलाइन हो सकते हैं उसे ऑनलाइन कर लें. खानपान में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें. अभी शुरू के कुछ दिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल में सावधानी बरतें.

खैर, हमें कोरोना से उतना बेवजह डरने की जरुरत नहीं है, केवल सावधानी बरतने की आवश्यकता है. कोरोना से ग्रस्त काफी मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं.