Solar Eclipse 2019: साल 2019 का तीसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को लग रहा है. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) पौष मास की अमावस्या (Amavasya) तिथि को लग रहा है. बता दें कि इससे पहले 6 जनवरी को पहला और 2 जुलाई को दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगा था. हालांकि इससे पहले लगा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखा था, लेकिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा. हालांकि सूर्य ग्रहण का धार्मिक और ज्योतिषीय नजरिए से बड़ा महत्व बताया जाता है. साल के आखिरी सूर्य ग्रहण की खास बात तो यह है कि इस बार सूर्य ग्रहण में सूर्य, चंद्रमा के साथ बृहस्पति ग्रह एक ही रेखा में होंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का प्रभाव लगभग सभी राशियों पर शुभ होगा.
सूर्य ग्रहण का महत्व
सूर्य ग्रहण का अपना एक अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बताया जाता है, लेकिन वैज्ञानिक नजरिए से यह एक अनोखी खगोलीय घटना है. जब सूर्य का चक्कर लगाते हुए चंद्रमा और पृथ्वी एक साथ सूर्य की सीध में आ जाते हैं तो सूर्य को ग्रहण लगता है. सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है, जिससे सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती हैं और पृथ्वी से सूर्य दिखना बंद हो जाता है. इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. यह भी पढ़ें: Surya Grahan 2019: साल का दूसरा सूर्य ग्रहण आज, जानें कहां-कहां दिखेगा इसका नजारा और क्या कहती है इससे जुड़ी धार्मिक मान्यता
सूर्य ग्रहण की तिथि
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को पड़ेगा. यह ग्रहण गुरुवार के दिन पौष मास की अमावस्या पर सुबह 08.17 बजे से लेकर सुबह 10.57 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण भारत समेत यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में दिखाई देगा.
सूतक काल का समय
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए सूतक का पालन करना अनिवार्य होगा. हालांकि सूतक का समय ग्रहण से एक दिन पहले ही शुरू हो जाएगा. सूतक 25 दिसंबर की शाम 5.33 बजे से शुरू होगा और अगले दिन 10.57 पर सूर्य ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म होगा. हिंदू धर्म में सूतक लगने पर कई तरह के कार्यों को करना वर्जित माना जाता है, क्योंकि सूतक के समय को अशुभ माना जाता है.
क्या न करें?
- ग्रहण काल में किसी भी नए कार्य का शुभारंभ न करें.
- सूतक के दौरान भोजन बनाना और भोजन करना वर्जित माना जाता है.
- देवी-देवताओं की प्रतिमा और तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए.
- सूर्य ग्रहण के दौरान फूल, पत्ते, लकड़ी आदि नहीं तोड़ने चाहिए.
- इस दिन न बाल धोने चाहिए ना ही वस्त्र.
- ग्रहण के समय सोना, शौच, खाना, पीना, किसी भी तरह के वस्तु की खरीदारी से बचना चाहिए.
- सूर्यग्रहण में बाल अथवा दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए, ना ही बालों अथवा हाथों में मेहंदी लगवानी चाहिए.
- सर्यग्रहण के दरम्यान उधार लेन-देन से बचना चाहिए. उधार लेने से दरिद्रता आती है और उधार देने से लक्ष्मी नाराज होती हैं. यह भी पढ़ें: इस दिन लगेगा 2019 का पहला सूर्य ग्रहण, आपकी राशि पर भी पड़ेगा ये प्रभाव
क्या करें?
- ग्रहण काल के समय भगवान का ध्यान करना चाहिए.
- भगवान के ध्यान के साथ ही मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए.
- ग्रहण समाप्ति के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.
- सूतक काल के पहले तैयार भोजन को खाने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डालकर शुद्ध करें.
- सूर्य ग्रहण लगने और खत्म होने के दौरान सूर्य मन्त्र ‘ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ’ के अलावा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का धीमे-धीमे मगर शुद्ध जाप करें.
- संयम के साथ जप-ध्यान करने से कई गुना फल होता है. ग्रहण काल के दौरान कमाया गया पुण्य अक्षय होता है. इसका पुण्य प्रताप अवश्य प्राप्त होता है.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.