Choti Diwali 2021 Messages in Hindi: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) का शानदार आगाज 2 नवंबर से धनतेरस (Dhanteras) के साथ हो गया है. धनतेरस के बाद अगले दिन छोटी दिवाली (Choti Diwali) का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है. पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के दूसरे दिन छोटी दिवाली सेलिब्रेट की जाती है, जिसे नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), काली चौदस (Kaali Chaudas), रूप चौदस (RoopChaudas) और भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है और शाम के समय घर का कोई बड़ा सदस्य एक दीपक जलाकर पूरे घर में घूमाता है और घर से बाहर कहीं दूर उस दीये को रख आता है. कहा जाता है कि छोटी दिवाली यमराज के निमित्त दीपक जलाकर दीप दान करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है.
छोटी दिवाली के दिन द्वार पर रंगोली बनाई जाती है, घरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है. आतिशबाजी करने के साथ इस पर्व की बधाई दी जाती है. दीयों के उस उत्सव की खुशियों को आप भी सोशल मीडिया के जरिए अपनों के साथ शेयर कर सकते हैं. इस खास मौके पर आप इन प्यार भरे मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस, कोट्स के जरिए दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- दीपक के प्रकाश की तरह,
आपके जीवन में चारों ओर रोशनी हो,
इस छोटी दिवाली के अवसर पर,
बस यही कामना है हमारी.
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
2- दीप जगमगाएं,
खुशियां झिलमिलाएं,
इस दिवाली के त्योहार पर,
लक्ष्मी जी आपके घर आएं...
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
3- सुख-संपदा आपके जीवन में आए,
लक्ष्मी जी आपके घर में समाएं,
भूल कर भी आपके जीवन में,
कभी दुःख न आए...
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
4- पूजा से भरी थाली है,
चारों ओर खुशहाली है,
आओ मिलके मनाएं ये दिन
आज छोटी दिवाली है...
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
5- पल पल सुनहरे फूल खिले,
कभी न हो कांटो का सामना,
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे,
छोटी दिवाली पर है यही मनोकामना.
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
छोटी दिवाली के दिन ही मध्यरात्रि में मां काली की पूजा का विधान है, इसलिए इसे काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा प्रचलित मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का संहार किया था, इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. इस दिन सूर्योदय से पहले पूरे शरीर पर तेल और उबटन लगाकर स्नान करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है, इसलिए इसे रूप चौदस भी कहा जाता है.