
शौर्य, साहस एवं वीरता के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की गाथा सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि पूरे देश में गायी जाती है. प्रत्येक वर्ष 19 फरवरी को देश भर में उनकी जयंती मनाई जाती है. शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी किले में एक मराठा परिवार में हुआ था. वह भारत का सच्चे वीर सपूत थे, जिसकी वीरता की कहानी इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. शिवाजी महाराज की चर्चा मात्र से हर भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. उन्होंने देश को मुगलों के चंगुल से मुक्त कराया और मराठा साम्राज्य की नींव रखी. शिवाजी महाराज की 395 वीं जयंती पर आइए उनकी बहादुरी और साहसिक विचारों को अपने मित्रों एवं परिजनों को शेयर कर गौरवान्वित महसूस करें.
छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रेरक कोट्स!
* यह मत सोचो कि शत्रु कमजोर है, या यह सोचकर मत डरो कि वह बहुत शक्तिशाली है.
* दुश्मन कितना भी ताकतवर क्यों न हो, केवल हमारा दृढ़ संकल्प और उत्साह ही उसे हरा सकता है.
* हाथों में तलवार भी हो तो इच्छाशक्ति ही सरकार बनाती है.
* जब लक्ष्य जीत की हो, तो हासिल करने के लिए कितना भी परिश्रम, कोई भी मूल्य, क्यो न हो उसे चुकाना ही पड़ता है.
* जो मनुष्य समय के कुच्रक में भी पूरी शिद्दत से, अपने कार्य मे लगा रहता है, उसके लिए समय खुद बदल जाता है.
* कोई भी कार्य शुरू करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है, क्योंकि हमारी आने वाली पीढी उसी का अनुसरण करती है