वैशाख का महीना कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है. वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया का दिन हर किसी के लिए अत्यंत शुभ एवं मंगलकारी होता है, इसी दिन अक्षय तृतीया(Akshaya Tritiya) भी मनाया जाता है. इस वर्ष इस दिन का खास महत्व यह भी है कि लगभग एक दशक बाद चार ग्रहों का जो विशेष संयोग बन रहा है वह हर किसी के लिए फायदेमंद हो सकता है. किसी ज्योतिष अथवा पुरोहित की सलाह एवं सहयोग से इस दिन को अपने लिए और बेहतर बनाया जा सकता है.
अक्षय तृतीया के साथ कई मान्यताएं एवं कहानियां जुड़ी हुई हैं. इसी दिन भगवान विष्णु ने परसुराम के रूप में छठा अवतार लिया था. पुराणों के अनुसार इसी दिन से त्रेता युग की भी शुरुआत हुई थी. कहा जाता है कि अक्षय तृतीया को उपवास और स्नान करने से अनंत फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन किये गये उपवास एवं पूजा अनुष्ठान आदि का फल कभी नष्ट नहीं होता और ना ही इस दिन किये गये कर्म का फल कभी मिटता है. इसीलिए इस दिन को अक्षय तृतीया कहा जाता है. ध्यान रहे कि इस दिन अच्छे और शुभ कार्य ही करना चाहिए क्योंकि अगर आप बुरे कार्य करेंगे तो इसका नतीजा भी अक्षय बनकर आपकी सफलता के मार्ग पर अवरोध खड़ी करता है.
बन रहा है ग्रहों का विशेष संयोग
इस वर्ष यानी 2019 की अक्षय तृतीया के दिन ग्रहों का खास एवं अद्भुत संयोग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा एक दशक के बाद हो रहा है. इससे पूर्व सन में ग्रहों का संयोग बना था. इस वर्ष अक्षय तृतीया पर चार ग्रह सूर्य, चंद्र, शुक्र एवं राहु अपनी उच्च राशि में गोचर करेंगे. जो मानव जीवन को सुखद परिस्थितियां उत्पन्न करेगा.
ऐसा करें तो जीवन सुखद बन सकता है
* इस दिन गाय, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, अन्न, गुड़, चांदी, नमक, शहद के दान का भी विशेष महत्व होता है.
* अक्षय तृतीया के दिन कन्या-दान शेष सभी दानों से ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है. यही वजह है कि इस दिन ज्यादा घरों में शादी विवाह का आयोजन करते हैं, ताकि कन्या के साथ-साथ उसके पिता का घर भी सुख एवं शांति से भरा रहे.
* सुख एवं समृद्धि के लिए आज के दिन सोने या चांदी की लक्ष्मी जी की चरण पादुका ले आयें और नित्य उसकी पूजा करें.
* 11 कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर घर के मंदिर में रखें. इससे लक्ष्मी आकर्षित होती हैं. इसकी वजह यह है कि देवी लक्ष्मी की तरह कौड़ियां भी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं.
* इस दिन स्नान-ध्यान करने के पश्चात केसर और हल्दी से लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए, इससे जातक की आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं.
* अक्षय तृतीया के दिन घर के मंदिर में एकाक्षी नारियल स्थापित करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
* पित्तर संकट से जूझ रहे लोग इस दिन अगर जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मणों को दान दे तो पित्तर प्रसन्न होंगे और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को पौराणिक किदवंतियों और प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.