तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण इन पांच महत्वपूर्ण कारकों की मदद से पंचांग शुभ अथवा नवीन कार्यों के लिए उपयुक्त समय एवं शुभ मुहूर्त निकालता है. पंचांग देखकर ही शुभ दिन, शुभ महुर्त, शुभ योग एवं नक्षत्र आदि घोषित की जाती है, इन वजहों से हमारी किसी भी महत्वपूर्ण कार्यों की सफलता और इससे प्राप्त होने वाले पुण्य की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसके अलावा पंचांग ब्रह्म मुहूर्त में उठने, स्नान ध्यान कर सूर्य का जलाभिषेक करने के आध्यात्मिक एवं पारिवारिक लाभ भी बताता है. आइये जानते हैं, आज के पंचांग में राहुकाल, शुभ एवं अशुभ मुहूर्त, सूर्योदय-सूर्यास्त की क्या स्थिति है.
आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), आश्विन. पूर्णिमा तिथि 04.56 PM तक तदुपरांत कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रतिपदा लग जाएगा. नक्षत्र रेवती 04.20 PM तक इसके पश्चात अश्विनी लग रहा है. हर्षण योग 01.41 AM तक, उसके बाद वज्र योग. करण विष्टि 06.48 AM तक, तत्पश्चात बव 04.56 PM तक, इसके बाद बालव 03.04 AM तक, बाद कौलव. यह भी पढ़ें : Aaj ka Panchang 2024: आज 15 अक्टूबर का पंचांग! जानें आज का राहुकाल, शुभ-अशुभ मुहूर्त, सूर्योदय-सूर्यास्त एवं आज के पर्व एवं व्रत आदि!
अक्टूबर 17 गुरुवार को राहु 01.37 PM से 03.03 PM तक है. 04.20 PM तक चंद्रमा मीन राशि में होंगे, इसके बाद मेष राशि पर संचार करेंगे.
सूर्योदयः 06.28 AM
सूर्यास्तः 05.55 PM
चंद्रोदयः 05.52 PM
चंद्रास्तः 07.06 AM
तिथि | आश्विन शुक्ल पक्ष चतर्दशी 04.56 PM बाद प्रतिपदा प्रारंभ |
पक्ष | शुक्ल |
वार | गुरूवार |
नक्षत्र | नक्षत्र उत्तरभाद्रपदा 07.17 PM तक उपरांत रेवती |
योग | हर्षण योग 01.41 AM तक |
राहुकाल | 01.37 PM से 03.03 PM तक |
सूर्योदय-सूर्यास्त | 06.28 AM - 05.55 PM |
चंद्रोदय-चंद्रास्त | 05.52 PM – 07.06 AM |
दिशा शूल | दक्षिण दिशा की ओर |
चंद्रमा राशि | मीन राशि उपरांत मेष राशि पर संचार करेगा |
सूर्य राशि | कन्या राशि, उपरांत तुला राशि में प्रवेश |
शुभ मुहूर्त, 17 अक्टूबर 2024
ब्रह्म मुहूर्त | 04.52 AM से 05.40 AM |
अभिजीत मुहूर्त | 11.49 AM से 12.35 PM |
गोधुलि बेला | - |
निशीथ काल | -
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अमृत काल | 02.27 PM से 03.52 PM |
विजय मुहूर्त | - |
अशुभ काल
राहूकालः 01.37 PM से 03.03 PM
यम गण्डः 06.28 AM से 07:54 AM
कुलिकः 09.20 AM से 10.46 AM
दुर्मुहूर्तः 10.17 AM से 11.03 AM, 02.52 PM से 03.38 PM
वर्ज्यमः 05.48 AM से 07.12 AM
आज का पर्व एवं उपाय
आज 04.56 PM तक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. इसके बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष शुरू हो जाएगा. पूर्णिमा को महर्षि वाल्मीकि जयंती का पर्व मनाया जाएगा. वाल्मीकि जयंती का उत्सव एक महान संत को श्रद्धांजलि है. इस पूर्णिमा को पीपल में माता लक्ष्मी का आगमन होता है. इसलिए इस दिन सुबह पूजा पाठ करने के बाद पीपल की जड़ में दूध और जल अर्पित कर दें. इसके बाद 5 सफेद मिठाई रखकर घी का दीपक जलाएं. इससे घर परिवार में सुख, शांति एवं समृद्धि आयेगी.