
पटना: लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2025 के पारित होने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) में सियासी हलचल तेज हो गई है. इस बिल को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष की पहली चिंगारी सीनियर नेता डॉ. मोहम्मद कासिम अंसारी के इस्तीफे के रूप में सामने आई है. उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए जेडीयू के रुख पर नाराजगी जताई है.
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास, जानिए इससे मुसलमानों पर क्या असर पड़ेगा?
डॉ. कासिम अंसारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू नेतृत्व को अपना त्याग पत्र भेज दिया. उन्होंने लिखा कि उन्हें और लाखों भारतीय मुसलमानों को विश्वास था कि नीतीश कुमार सेक्युलर विचारधारा के प्रतीक हैं, लेकिन अब यह विश्वास टूट गया है.
अंसारी का कहना है कि जेडीयू ने वक्फ बिल का समर्थन करके देश के अल्पसंख्यकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने लोकसभा में पार्टी के नेता ललन सिंह के बयान और उनके समर्थन के अंदाज पर भी आपत्ति जताई.
वक्फ बिल पर जेडीयू में बगावत
Senior JD(U) leader Mohammed Qasim Ansari resigns from the party and all his posts over the party's stand on #WaqfAmendmentBill
"...I am disheartened that I gave several years of my life to the party," his letter reads. pic.twitter.com/1Gzc4w2OjM
— ANI (@ANI) April 3, 2025
जेडीयू के समर्थन पर उठे सवाल
लोकसभा में जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने वक्फ बिल पर पूरी तरह से सरकार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर गलत विमर्श गढ़कर देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है.
हालांकि, जेडीयू के इस रुख से पार्टी के भीतर ही असंतोष बढ़ गया है. कई नेताओं ने निजी तौर पर असहमति जताई है, लेकिन कासिम अंसारी पहले बड़े नेता बने, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से विरोध जताते हुए इस्तीफा दिया.
लोकसभा में पास हुआ वक्फ संशोधन बिल
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 लोकसभा में देर रात पारित हुआ. 288 सांसदों ने इसके समर्थन में और 232 ने इसके विरोध में मतदान किया. बिल को पारित कराने के लिए सदन की बैठक रात 2 बजे तक चली.
इस दौरान मुस्लिम वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त करने वाला मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.