मुंबई, 8 अक्टूबर : हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में मतगणना के शुरुआती रुझान आना शुरू हो गए हैं. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक खबर लिखे जाने तक हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी 49 सीटों पर आगे है, जबकि कांग्रेस 35 और अन्य दल 6 सीटों पर आगे हैं. जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस 41, भारतीय जनता पार्टी 26, कांग्रेस 10, पीडीपी 4 व अन्य 6 सीटों पर आगे है.
इस पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायक सैनी ने कहा था कि उन्होंने जीत की पूरी तैयारी कर ली है. हालांकि, हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एक लहर चल रही है, और मुझे विश्वास है कि इस बार जनता भाजपा को वोट नहीं देगी. चुनाव परिणामों के शुरुआती रुझान आ चुके हैं, और मुझे पूरा यकीन है कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनाएगी." यह भी पढ़ें : विपक्ष के साथ सीट आवंटित किए जाने के कारण विधानसभा सत्र में भाग नहीं ले रहा : पी वी अनवर
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन सरकार बनाएगा. दोनों राज्य हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं, खासकर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर बड़े-बड़े दावे किए गए थे. अब जनता ने पीएम मोदी और अमित शाह को वहां से पूरी तरह बाहर करने का मन बना लिया है. आप पूछते हैं कि इन चुनावों के नतीजों का महाराष्ट्र की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा. मैं कहता हूं कि अगर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव एक साथ होते, तो महाराष्ट्र में भी भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ता. अगली बार जब महाराष्ट्र में चुनाव होंगे, तो महाविकास आघाड़ी 175 से 180 सीटें जीत सकती है.”
उन्होंने आगे कहा, “भाजपा हर हाल में महाराष्ट्र और झारखंड में हार जाएगी. महाविकास आघाड़ी का सीटों का बंटवारा अभी तक घोषित नहीं हुआ है, और हम अपने संगठन पर भरोसा रखते हैं. कांग्रेस को इन नतीजों से एक तरह का टॉनिक मिला है, जो महाराष्ट्र में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करेगा. हालांकि, हम मुख्यमंत्री पद का दावा नहीं कर रहे हैं. चुनाव के बाद ही यह साफ होगा कि जनता किसे चुनती है. राहुल गांधी या प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री बनेंगे, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी. चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर भरोसा है, और हम चुनाव के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं. हम जानते हैं कि महाराष्ट्र का नेतृत्व मजबूत है, और हमें अपने स्थानीय नेताओं, जैसे शरद पवार और उद्धव ठाकरे पर भरोसा है. महाराष्ट्र की जनता समझती है कि उन्हें किसकी जरूरत है.”